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Vaibhav Suryavanshi: माँ प्रतिदिन पैक करती 11 टिफिन, 150kmph की रफ़्तार पर 600 गेंदों की होती प्रैक्टिस, ऐसे ही कोई ‘वैभव सूर्यवंशी’ नहीं बन जाता

Vaibhav Suryavanshi: वैभव सूर्यवंशी रोजाना 600 गेंदों की प्रैक्टिस किया करते थे, इनमें से ज्यादातर की रफ़्तार 150 किलोमीटर प्रति घंटे की होती, इधर माँ रोज उन 10 बच्चों के लिए भी टिफिन पैक करती जो प्रैक्टिस में वैभव की मदद किया करते थे.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 29 Apr 2025 03:31:58 PM IST

Vaibhav Suryavanshi

वैभव सूर्यवंशी और उसके माता-पिता - फ़ोटो Google

Vaibhav Suryavanshi: मंगलवार को राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हुए 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने एक ऐसा रिकॉर्ड बना दिया, जिसे तोड़ने की हिम्मत अब शायद ही कोई कर पाए. भारत तो छोड़ो अब तक पूरे विश्व में किसी बल्लेबाज ने इतनी कम उम्र में टी20 फॉर्मेट में शतक नहीं जड़ा था. महज 35 गेंद में शतक, वो भी तब जब सामने एक से बढ़कर एक अंतर्राष्ट्रीय गेंदबाज हों. इस बात में कोई शक नहीं कि वैभव की इस सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ उनके माता-पिता का है.


इस बच्चे की विशेष प्रतिभा को पिता ने कम उम्र में ही पहचान लिया था. उन्हें अपने इस बेटे की काबिलियत पर इतना भरोसा था कि वैभव का भविष्य बनाने के लिए उन्होंने अपनी जमीन तक बेचने में भी देर नहीं की. उन्हें मालूम था कि एक न एक दिन ये वो काम करके दिखाएगा, जिसके बारे में इसकी उम्र के बच्चे सोच भी नहीं सकते.


बताते चलें कि एक तरफ जहाँ वैभव के पिता ने अपने बेटे के सुनहरे भविष्य के लिए कभी पैसे की कमी नहीं होने दी, तो दूसरी तरफ वैभव की माँ ने भी उनकी सफलता में बड़ा योगदान दिया है. हर दिन जब वैभव प्रैक्टिस के लिए जाते तो उनकी माँ 11 टिफिन पैक कर दिया करती थी. जिसके लिए उन्हें घंटों का वक्त लगता, इनमें से एक टिफिन वैभव के लिए होता, जबकि बाकी के 10 टिफिन उन बच्चों के लिए जो वैभव के साथ प्रैक्टिस किया करते थे.


वैभव के कोच का भी इस सफलता में अहम योगदान है. उन्होंने मन ही मन यह ठान लिया था कि बड़े मंच के लिए यह लड़का तभी तैयार हो पाएगा जब इसकी तैयारी भी उसी स्तर की होगी. इसलिए वैभव को हर रोज 600 गेंदे खेलनी होती थीं. एक भी दिन ऐसा नहीं जाता, जब वैभव इन 600 गेंदों का सामना ना करें. गेंदों की रफ्तार को भी बढ़ाकर 150 किलोमीटर प्रति घंटे कर दी गई थी, ताकि जब अंतर्राष्ट्रीय गेंदबाजों के रफ़्तार से वैभव का सामना हो तो वह घबराए नहीं.