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Kharmas 2025: खरमास खत्म होते ही शुभ कार्यों की होगी शुरुआत, जीवन में सकारात्मकता का होगा आगमन

सनातन धर्म में खरमास को अशुभ समय के रूप में माना गया है, जब किसी भी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। यह अवधि सूर्य के बृहस्पति की राशि में गोचर करने से शुरू होती है और उनकी अगली राशि में प्रवेश करने पर समाप्त होती है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 11 Jan 2025 07:51:36 PM IST

Kharmas 2025

Kharmas 2025 - फ़ोटो Kharmas 2025

Kharmas 2025: सनातन धर्म के अनुसार, खरमास एक ऐसा समय होता है जब किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कार्यों को वर्जित माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में दो बार खरमास आता है। इस बार सर्दियों के खरमास की शुरुआत 15 दिसंबर को हुई थी, जब सूर्य देव ने बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश किया था। अब, 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपनी राशि बदलकर मकर में प्रवेश करेंगे, जिससे खरमास समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही शुभ कार्यों और मांगलिक कार्यक्रमों का शुभारंभ फिर से हो सकेगा।


खरमास समाप्त होने पर क्या करें?

खरमास की समाप्ति पर भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए उनके विशेष पूजन और दान-पुण्य का महत्व बताया गया है।


सूर्य को अर्घ्य दें

सुबह उगते सूर्य को तांबे के लोटे में जल भरकर अर्घ्य अर्पित करें।

जल में रोली और लाल फूल डालें।

अर्घ्य देते समय "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें।

सूर्य देव से अपने जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता की प्रार्थना करें।


दान करें

जरूरतमंदों को गर्म कपड़े, कंबल, मूंगफली, गुड़, अन्न या अन्य उपयोगी वस्तुएं दान करें।

दान करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पुण्य लाभ प्राप्त होता है।


सकारात्मक शुरुआत करें

खरमास खत्म होने के बाद नए कार्य, यात्रा, और जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं।

शुभ कार्य जैसे गृह प्रवेश, विवाह, सगाई, और नई गाड़ी या संपत्ति की खरीदारी भी आरंभ की जा सकती है।

जनवरी 2025: शुभ तिथियां और कार्य

ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, जनवरी 2025 में शुभ कार्यों के लिए कुल 10 तिथियां उपलब्ध हैं:

16, 17, 18, 19, 20, 21, 23, 24, 26 और 27 जनवरी।


इन तिथियों पर निम्न कार्य किए जा सकते हैं:

विवाह

गृह प्रवेश

मुंडन संस्कार

सगाई

नई गाड़ी या प्रॉपर्टी की खरीदारी


नए व्यवसाय की शुरुआत

इन तिथियों पर शुभ कार्य करने से सफलता मिलने की संभावना अधिक रहती है।


खरमास के बाद यात्रा का संयोग

खरमास के दौरान दूरस्थ स्थानों की यात्रा वर्जित मानी जाती है, लेकिन मकर संक्रांति के बाद इस बंधन से मुक्ति मिल जाती है।

अब आप लंबी दूरी की यात्राएं कर सकते हैं।

नौकरी या व्यवसाय के सिलसिले में स्थानांतरण की योजना बना सकते हैं।

जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लेकर नई शुरुआत कर सकते हैं।


खरमास का अंत न केवल धार्मिक रूप से बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में भी नई शुरुआत का संकेत देता है। सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर जीवन जीने के लिए उनके प्रति आस्था और श्रद्धा के साथ कर्म करें। शुभ तिथियों पर कार्य आरंभ करके सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करें।