ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Weather: बिहार के तापमान में गिरावट लगातार जारी, इस दिन से लोगों को झेलनी होगी कड़ाके की सर्दी Bihar Election 2025: BJP की रणनीति पर हो रहा NDA में कैंडिडेट का चयन, जानिए क्यों बिहार में हो रही इस बात की चर्चा ; ये है असली वजह Bihar Election: 4 बार के MLA और पूर्व सांसद RJD छोड़ जन सुराज में शामिल, कहा "उस पार्टी में घुटन महसूस हो रही थी" Bihar Election 2025: शाह ने BJP को लेकर बनाया खास प्लान, लालू के खास इलाके से करेंगे रैली की शुरुआत Bihar Election 2025: JDU में इस बार कुल इतने विधायकों का कटा टिकट, लिस्ट में बड़का नेता जी का नाम भी शामिल Bihar Election: 18 नहीं बल्कि इतनी सीटों पर लड़ेगी VIP, सहनी को राजद से मिला यह विशेष ऑफर महागठबंधन में नहीं सुलझ पाया है सीट बंटवारे का फॉर्मूला, कांग्रेस ने जारी की कैंडिडेट के नाम की पहली लिस्ट, इतने नेता शामिल AIMIM में टिकट बंटवारे को लेकर बवाल, प्रदेश अध्यक्ष पर टिकट बेचने का गंभीर आरोप BIHAR ELECTION 2025: बेतिया में कांग्रेस के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय का विरोध, टिकट बंटवारे में अनदेखी का आरोप BIHAR ELECTION 2025: बड़हरा से RJD ने रामबाबू सिंह पर जताया भरोसा, सिंबल मिलते ही क्षेत्र में जश्न

चैत्र नवरात्रि कब, देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की आराधना में एक पवित्र अवसर

सनातन धर्म में नवरात्रि का पर्व आध्यात्मिक उन्नति, समर्पण और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। विशेष रूप से चैत्र नवरात्रि, जो हिंदुओं के लिए अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 11 Feb 2025 07:24:46 AM IST

Chaitra Navratri

Chaitra Navratri - फ़ोटो Chaitra Navratri

Chaitra Navratri: नातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा में उनकी प्रिय वस्तुओं को अर्पित करने की परंपरा है, जिससे ईष्ट देवता प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद मिलता है। इसी परंपरा के अनुसार नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधिवत आराधना की जाती है। साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है – एक चैत्र नवरात्रि, एक शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि। इनमें से चैत्र नवरात्रि को अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है, जो 9 दिनों तक चलता है। इस अवधि में भक्त कठोर उपवास रखते हैं और माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करते हैं। इसका समापन राम नवमी के दिन होता है, और मान्यता है कि जो भी भक्त इस दौरान सच्ची श्रद्धा और विधि-विधान के साथ पूजा करते हैं, उन्हें सदैव माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।


चैत्र नवरात्रि की तिथियाँ

अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित कल्कि राम के अनुसार, हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 मार्च को शाम 4:27 पर होगी और इसका समापन 30 मार्च को दोपहर 12:49 पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस साल चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होगी और इसका समापन 7 अप्रैल को होगा।

चैत्र नवरात्रि में पूजा की विधि

पंडित कल्कि राम बताते हैं कि नवरात्रि के दिनों में भक्तों को निम्नलिखित कार्य करने चाहिए:

पवित्र स्नान:

सुबह उठकर पवित्र स्नान करें जिससे मन शुद्ध हो और ऊर्जा का संचार हो।

मंदिर की सफाई:

मंदिर या पूजा स्थल की अच्छी तरह से सफाई करें, ताकि पूजा का वातावरण शुद्ध और मंगलमय हो।

व्रत का संकल्प:

माँ दुर्गा के सामने व्रत का संकल्प लें और अपने मन में सच्ची श्रद्धा का संकल्प करें।

कलश स्थापना:

मुहूर्त के अनुसार कलश स्थापित करें, जो पूजा की शुरुआत का प्रतीक होता है।

विधिवत पूजा-अर्चना:

माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करें। पहले दिन माँ चंद्रघंटा को समर्पित करें और उन्हें चमेली के फूल, चावल, शृंगार की सामग्री, मिठाई, फल और कुमकुम अर्पित करें। पूजा की समाप्ति आरती से करें।

सात्विक भोजन:

नवरात्रि के दौरान प्याज और लहसुन जैसी तामसिक चीजों से परहेज करें और घर में सात्विक भोजन बनाएं, जिससे पूजा में और भी सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।

चैत्र नवरात्रि हिंदुओं के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है, जहाँ सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ माँ दुर्गा की पूजा की जाती है। इस पवित्र अवसर पर यदि भक्त विधिवत पूजा करते हैं तो न केवल उन्हें माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है, बल्कि उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार भी होता है। इसलिए, इस चैत्र नवरात्रि के अवसर पर सभी भक्तों से आग्रह है कि वे पूर्ण श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करें और अपने जीवन से सभी दुख-संकट दूर करें।