PK ने लालू-नीतीश पर बोला हमला, किसान महापंचायत में कहा..लालू को अपने बेटों की चिंता है और नीतीश आपके बच्चों को लाठी से पिटवा रहे हैं

अरवल में आयोजित किसान महापंचायत में कई जिलों के हजारों किसान शामिल हुए। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मंच को संबोधित किया। कहा कि बिहार में 100 में से 80 लोग प्रतिदिन 100 रुपये भी नहीं कमा पाते हैं।

1st Bihar Published by: mritunjay Updated Thu, 30 Jan 2025 09:11:50 PM IST

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अरवल में किसान महापंचायत - फ़ोटो GOOGLE

ARWAL: अरवल में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने आज अरवल जिले में आयोजित 'किसान महापंचायत' में हिस्सा लिया। किसान महापंचायत में अरवल, जहानाबाद और आसपास के जिलों से हजारों किसान शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने लालू-नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि लालू को अपने बेटों की चिंता है और नीतीश कुमार आपके बच्चों को लाठी से पिटवा रहे हैं। 


किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के बच्चे दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी करने को मजबूर हैं और इसके लिए बिहार के लोग ही जिम्मेदार हैं क्योंकि उन्हें अपने बच्चों की चिंता नहीं है। बिहार के लोगों को लालू जी से सीखना चाहिए कि अपने बच्चों की परवाह करना क्या होता है। लालू जी को अपने बेटे की चिंता है, लालू जी का बेटा 9वीं पास नहीं हुआ फिर भी उन्हें इस बात की चिंता है कि वह बिहार का राजा बने। हम लालू जी की शिकायत नहीं कर रहे हैं, हम उनकी तारीफ कर रहे हैं। वह इतने अच्छे पिता हैं कि भले ही उनका बेटा 9वीं पास नहीं हुआ फिर भी वह उसे राजा बनाना चाहते हैं और दूसरी तरफ बिहार के आम लोग हैं जिनके बच्चों ने बीए एमए कर लिया लेकिन उन्हें चपरासी की नौकरी भी नहीं मिली। इसके साथ ही जब आपके बच्चे अपना हक मांगने जाते हैं तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आपके बच्चों को पटना के डाक बंगले पर दौड़ा-दौड़ा कर लाठियों से पिटवाते हैं। 


प्रशांत किशोर ने किसान महापंचायत में बिहार के किसानों की स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि बिहार में खेती खाने के लिए होती है, कमाने के लिए नहीं। बिहार में की जाने वाली खेती से खाने-पीने और पहनने का खर्च तो निकल जाता है, लेकिन अगर कोई बीमार पड़ जाए या उसे अपनी बेटी की शादी करनी हो तो उसे अपनी जमीन का एक हिस्सा बेचना पड़ता है। खेती से कोई आमदनी नहीं होती और कारोबार करने के लिए पूंजी भी नहीं है। बिहार में 100 में से 80 लोग प्रतिदिन 100 रुपये भी नहीं कमा पाते।महंगाई के इस दौर में अगर आप 100 रुपए भी नहीं कमाएंगे तो क्या बचाएंगे और अपने बच्चों के लिए क्या नया कर पाएंगे।