Dularchand murder case : आधी रात CJM कोर्ट में पेश हुए बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह, जेल भेजने की शुरू हुई तैयारी Anant Singh arrest: मुश्किलों में फंसे मोकामा के 'छोटे सरकार' अनंत सिंह, दुलारचंद यादव की हत्या के समय खुद थे मौजूद दुलारचंद हत्या के मामले में पुलिस ने अनंत सिंह समेत तीन लोगों को किया अरेस्ट, SSP ने कहा - घटना के वक्त खुद मौजूद थे JDU कैंडिडेट Anant Singh arrest : अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद पटना ssp ने बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस! कुछ देर में हो जाएगी आधिकारिक पुष्टि ; क्या होगा मोकामा सीट पर असर बड़ी खबर : दुलारचंद हत्याकांड मामले में पुलिस ने अनंत सिंह को किया अरेस्ट ! दो गाड़ियों से साथ लेकर रवाना हुए सीनियर अधिकारी ! इलाके में चर्चा हुई तेज शिक्षा और शोध में नई दिशा: पटना ISM के चेयरमैन के जन्मदिन पर IJEAM का प्रथम अंक जारी Bihar Crime News: बिहार में इलाज के दौरान महिला की मौत पर हंगामा, अस्पताल छोड़कर भागे डॉक्टर और हेल्थ स्टाफ Bihar Crime News: चुनावी तैयारियों के बीच बिहार में चाकूबाजी की घटना, नाबालिग लड़के की हत्या से हड़कंप Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 14 Jul 2025 05:21:27 PM IST
सीमांचल में चुनावी माहौल - फ़ोटो REPOTER
SUPAUL: बिहार में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव नज़दीक आते ही राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। सभी दल सत्ता तक पहुँचने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटे हुए हैं। इस बीच वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर भी बिहार की राजनीति गरमा गई है। विपक्ष लगातार सरकार और चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहा है, वहीं NDA के नेता महागठबंधन पर पलटवार करते हुए कहते हैं कि विपक्षी दल डरे हुए हैं और इसी वजह से मासूम वोटरों को डराकर वोट लेना चाहती हैं।
सीमांचल में स्थित सुपौल ज़िले के छातापुर बाज़ार में जब ‘फर्स्ट बिहार झारखंड’ की टीम ने लोगों से इस विषय पर बात की, तो उन्होंने बताया कि डर तो थोड़ा बहुत ज़रूर है, लेकिन उतना नहीं जितना विपक्षी दल दिखा रहे हैं। शुरू में जब चुनाव आयोग ने आधार कार्ड और राशन कार्ड को मान्य नहीं बताया, तब लोगों में हल्की घबराहट थी, क्योंकि अधिकांश के पास सिर्फ आधार कार्ड था। बाद में जब विकल्पों की बात सामने आई, तो लोगों ने राहत की सांस ली।
अररिया ज़िले के इमरान आलम ने बताया कि उन्होंने फॉर्म जमा कर दिया है। BLO उनके घर आए थे। शुरुआत में थोड़ी परेशानी ज़रूर हुई, लेकिन डर जैसा कुछ नहीं था, क्योंकि उनका परिवार कई पीढ़ियों से वहीं रह रहा है। पूर्णिया के राजेश कुमार ने कहा कि कोई ख़ास दिक्कत नहीं है। वे फॉर्म भर चुके हैं। हां, शुरुआत में चुनाव आयोग जिस तरह दस्तावेज़ मांग रहा था, उससे बाहर कमाने-खाने गए लोग ज़रूर परेशान हुए होंगे, लेकिन अब स्थिति सामान्य है।
विधानसभा चुनाव को लेकर लोगों में बदलाव की भी उम्मीद दिख रही है। जब स्थानीय संजय और मोइनुद्दीन से बात हुई तो उन्होंने साफ कहा कि इस बार बदलाव होगा। उनका मानना है कि लोग नीतीश कुमार की नीतियों से अब थोड़े परेशान हैं। हालांकि कुछ लोग यह भी कहते हैं कि नीतीश कुमार के कुछ कामों को नकारा भी नहीं जा सकता, क्योंकि विकास के कुछ काम ज़रूर हुए हैं।
प्रशांत किशोर यानी PK की पार्टी जन सुराज को लेकर सीमांचल में युवाओं में खास उत्सुकता है। लोगों का कहना है कि PK की बातें अच्छी लगती हैं, क्योंकि वे जात-पात से ऊपर उठकर रोजगार और पलायन की बात कर रहे हैं। यह इलाका बिहार का सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता है। यहां प्रति व्यक्ति आय, रोजगार और शिक्षा की स्थिति बेहद खराब है। यही वजह है कि यहां से सबसे ज़्यादा पलायन होता है। युवा उम्मीद कर रहे हैं कि कोई ऐसा नेता आए, जो इस पलायन की बीमारी को रोक सके और बिहार के बच्चों को बिहार में ही नौकरी और रोज़गार दिला सके। चुनाव से पहले सीमांचल में इस तरह के माहौल से साफ है कि जनता बदलाव तो चाहती है, आने वाले महीनों में चुनावी शोर के बीच तय होगा कि इस बार बिहार की जनता किसे मौका देती है।
सुपौल से नीतीश कुमार की रिपोर्ट