Hot Water Bath: हर दिन गर्म पानी से नहा रहे हैं? सेहत पर पड़ सकता है ये असर; जानिए.. फायदे और नुकसान Hot Water Bath: हर दिन गर्म पानी से नहा रहे हैं? सेहत पर पड़ सकता है ये असर; जानिए.. फायदे और नुकसान Air India के एक और विमान में आई तकनीकी खराबी, दिल्ली से यहां जा रही फ्लाइट रद्द Air India के एक और विमान में आई तकनीकी खराबी, दिल्ली से यहां जा रही फ्लाइट रद्द Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद को लेकर खूनी खेल, फरियाद लेकर थाने पहुंचे लोगों को पुलिस ने भगाया Bihar Crime News: बिहार से आई बेहद शर्मनाक तस्वीर, दबंगों ने मर्यादा को किया तार-तार; सरेआम महिलाओं के सामने की गंदी हरकत Bihar Crime News: बिहार से आई बेहद शर्मनाक तस्वीर, दबंगों ने मर्यादा को किया तार-तार; सरेआम महिलाओं के सामने की गंदी हरकत Bihar Crime News: पुलिस की कस्टडी से चकमा देकर कैदी फरार, पटना सिविल कोर्ट में पेशी से पहले भागा Bihar Crime News: पुलिस की कस्टडी से चकमा देकर कैदी फरार, पटना सिविल कोर्ट में पेशी से पहले भागा Bihar Crime News: बिहार में माहौल खराब करने की कोशिश, शरारती तत्वों ने हनुमान मंदिर को तोड़ा; ग्रामीणों ने किया भारी बवाल
1st Bihar Published by: Updated Sat, 13 Jun 2020 02:20:38 PM IST
- फ़ोटो
DESK : साल की शुरुआत में दुनिया में एक नए वायरस की पहचान हुई, जो देखते ही देखते पूरी दुनिया में फ़ैल गई. इस वायरस ने अब तक जो आतंक मचाया है उसकी कल्पना शायद किसी ने कभी की ही नहीं थी. यह वायरस कुछ ही समय में विश्व के तमाम देशों में फ़ैल गया. लाखों लोगों की इससे मौत हो गई. इस वायरस से अभी सभी देश निपट भी नहीं पाए थे कि एक और संकट सामने आ खड़ा हुआ है.
कल WHO ने इस बारे में चेतावनी दी है कि अब कोरोना वायरस महामारी का भीषण अप्रत्यक्ष असर लोगों पर पड़ सकता है. WHO के अनुसार कोरोना की बीमारी की तुलना में, महामारी से पैदा हुए खराब हालात की वजह से विश्व को अधिक नुकसान हो सकता है. इस महामारी का अप्रत्यक्ष असर सबसे अधिक महिलाओं, बच्चों और किशोरों पर पड़ सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडहैनम घेब्रियेसुस ने कहा- कोरोना के अप्रत्यक्ष असर से इस खास समूह पर जो बुरा प्रभाव पड़ेगा, वह कोविड-19 वायरस से होने वाली मौतों से भी भयानक हो सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल ने बताया की “कई जगहों पर इस महामारी की वजह से स्वास्थ्य सिस्टम पर दबाव बढ़ गया है. इसकी वजह से प्रेग्नेंसी और डिलीवरी से जुड़ी दिक्कतों के कारण महिलाओं की मौत का खतरा बढ़ गया है.” यूनाइटेड नेशन्स पॉपुलेशन फंड की एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर नतालिया कनेम ने भी इस हालात को लेकर कहा है कि 'महामारी के भीतर एक महामारी' पैदा हो गई है.
नतालिया कनेम ने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक, 6 महीने के लॉकडाउन की वजह से 4.7 करोड़ महिलाएं कंट्रासेप्शन की सुविधा को नहीं अपना सकीं, जिसकी वजह से बिना इच्छा के 70 लाख बच्चों का जन्म होगा. वहीं, इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन के प्रेसिडेंट ग्रैब्रिएला कुवस बैरन ने कहा कि “महामारी की वजह से 4 से 6 करोड़ बच्चों पर भीषण गरीबी का खतरा पैदा हो गया है. दुनिया के कई देशों में महामारी की वजह से स्कूल कई महीने से बंद हैं ”.
यहां आप ये जान लें कि दुनिया में कोरोना वायरस के अब तक 76.5 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. 4.25 लाख लोगों की मौत भी हुई है.