अस्त हो गया गणित का 'सूरज', नम आंखों से वशिष्ठ बाबू को दी गई अंतिम विदाई

अस्त हो गया गणित का 'सूरज', नम आंखों से वशिष्ठ बाबू को दी गई अंतिम विदाई

ARA: महान गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह पंचतत्व में विलीन हो गये हैं. राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव बसंतपुर में उनका अंतिम संस्कार किया गया. वशिष्ठ नारायण सिंह के भतीजे मुकेश कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी. हजारों की संख्या में लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी.


आपको बता दें कि गुरुवार को देश के महान मैथेमैटिशयन वशिष्ठ नारायण सिंह का निधन हो गया था. वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन से बिहार समेत पूरे देश में शोक की लहर है. गुरुवार को सीएम नीतीश कुमार ने महान गणितज्ञ को श्रद्धा सुमन अर्पित किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. सीएम ने शोकाकुल परिवार से मुलाकात भी की.


परिजनों से मुलाकात के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने वशिष्ठ नारायण सिंह के नाम पर इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने का भरोसा दिया है. स्वर्गीय वशिष्ठ नारायण सिंह के छोटे भाई अवधेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 'हमसे मिलकर आश्वासन दिया है कि वशिष्ठ नारायण सिंह के नाम पर एक इंजीनियरिंग कॉलेज बिहार में खोला जाएगा.'


वशिष्ठ नारायण सिंह का जन्म 2 अप्रैल 1942 को बिहार के भोजपुर जिले के बसंतपुर गांव में हुआ था. विलक्षण प्रतिभा के धनी वशिष्ठ नारायण ने 1961 में बिहार बोर्ड से मैट्रिक की परीक्षा में टॉप किया था और पटना के साइंस कॉलेज से पढ़ाई की. 1963 में गणित का अध्ययन करने के लिए कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले गए और 1969 में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की और एक एसोसिएट साइंटिस्ट प्रोफेसर के रूप में नासा में शामिल हो गए.