DELHI : बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग राज्यसभा तक पहुंच चुकी है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुंगेर से सांसद ललन सिंह ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए बिना विकसित राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती. वहीं आज राष्ट्रीय जनता दल ने भी इस मुद्दे को संसद में उठाया है.
आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत का नारा है, लेकिन बिहार इसमें आता है या नहीं है. बिहार के 39 सांसद ले लिए और बिहार का काम खत्म. राजद सांसद ने कहा कि अब बिहार ज्वालामुखी के ढेर पर है. लालू जी के टाइम से उस सदन में बात शुरू हुआ. राबड़ी देवी के समय में भी ये मुद्दा उठाया गया.
अब तजस्वी यादव इस मुद्दे को जोर शोर से उठा रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के पूरा विधानमंडल हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से विशेष राज्य का दर्जा मांगा. राजद नेता ने कहा कि ये खैरात नहीं है, बिहार अगर तरक्की नहीं करेगा तो देश भी पीछे रह जायेगा. महामहिम इस पर संज्ञान लें
वहीं राजद सांसद मनोज कुमार झा ने राज्य सभा में देश के बदलते हालात का चित्रण करने का प्रयास किया. उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बौनी समझ के लोग लंबा इतिहास नहीं लिख सकते. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राष्ट्रीय जनता दल की ओर से मनोज कुमार झा ने कहा कि आज लोग कृष्ण और करीम के बीच दीवार खड़ी करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं.
राष्ट्रपति के अभिभाषण में जिन मुद्दों का जिक्र हुआ उसके संदर्भ में मनोज कुमार झा ने कहा कि जिन परिवारों के चिराग बुझे, उनके लिए मौत आंकड़ा नहीं है. सरकार को संवेदनशील होना चाहिए. उन्होंने कहा कि समानता और बंधुत्व के बारे में आंबेडकर का जिक्र हुआ. उन्होंने खुद कहा था- लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा हीरो वर्शिप. व्यक्ति केंद्रित सरकार होने पर लोकतंत्र खत्म होता है.