DELHI: भाजपा को उखाड़ फेंकने के लिए विपक्षी नेताओं को एकजुट करने दिल्ली में कैंप कर रहे नीतीश कुमार क्या सिर्फ विपक्षी नेताओं से मुलाकात की औपचारिकता निभा रहे हैं? कल राहुल गांधी के बाद आज नीतीश की मुलायम औऱ अखिलेश यादव से मुलाकात की जो खबरें आ रही हैं उससे यही नतीजा निकल रहा है. सूत्र बता रहे हैं कि नीतीश कुमार अस्पताल में भर्ती मुलायम सिंह यादव से मिलने पहुंचे तो अखिलेश भी वहां मौजूद थे. लेकिन इन नेताओं के बीच विपक्षी एकता या भाजपा के खिलाफ मोर्चाबंदी पर एक लाइन की बात नहीं हुई।
बता दें कि मुलायम सिंह यादव इलाज के लिए गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती हैं. नीतीश कुमार उनसे मिलने मेदांता अस्पताल पहुंचे. अखिलेश यादव लखनऊ में थे लेकिन वे आज दोपहर ही लखनऊ से गुरूग्राम पहुंचे थे. नीतीश मंगलवार की शाम मेदांता अस्पताल पहुंचे. वहां उन्होंने मुलायम सिंह यादव का हाल चाल जाना. अखिलेश यादव से दुआ सलाम हुई औऱ इसी बीच विपक्षी एकता का काम पूरा हो गया।
मुलाकात का कोरम पूरा हुआ
नीतीश कुमार की इस मुलाकात में क्या बातें हुई, इसकी झलक तब मिल गयी जब मुलाकात के बाद नीतीश औऱ अखिलेश साथ में बाहर निकले. मीडिया ने नीतीश से सवाल पूछा-इस मुलाकात में क्या बातें हुई. नीतीश बोले-सबको मिलकर आगे बढ़ना है, सबका एक ही नजरिया है. मीडिया ने सवाल पूछा-यूपी बड़ा स्टेट है, विपक्षी एकता होनी है तो अखिलेश यादव का बड़ा योगदान जरूरी है. नीतीश बोले-हां, बहुत अच्छा, बहुत अच्छा. मीडिया ने सवाल पूछा-अखिलेश से क्या चर्चा हुई. नीतीश बोले-ई सब यूपी का नेतृत्व करेंगे आगे. अब हमको जाने दीजिये।
विपक्षी एकता पर एक शब्द बात किये बगैर नीतीश मीडिया से बच कर निकल गये. अब साथ में खड़े अखिलेश यादव को मीडिया ने पकड़ा. सवाल पूछा- क्या बात हुई. अखिलेश यादव का जवाब आया-न,न मैं कुछ नहीं बोलूंगा. सवाल जारी रहा तो फिर अखिलेश ने जवाब दिया-आपने जो कह दिया वही बात हुई. फिर सवाल पूछा गया अखिलेश जी क्या आप नीतीश जी की मुहिम में साथ में हैं. मीडिया से बचकर निकल रहे अखिलेश ने कहा-सब साथ में हैं।
नीतीश औऱ अखिलेश यादव की मुलाकात का सारा निष्कर्ष इन्हीं तीन-चार लाइन में सिमटा हुआ है. अस्पताल में मौजूद समाजवादी पार्टी के एक नेता ने बताया कि विपक्षी एकता पर तो कोई बात ही नहीं हुई. मुलायम सिंह यादव की तबीयत पर चर्चा हुई. हां, नीतीश ने ये जरूर कहा कि वे अब मजबूती से भाजपा के खिलाफ आ गये हैं. मुलायम सिंह यादव ने एक दो लाइन बोला. लेकिन अखिलेश पूरी तरह खामोश रहे।
लालू के कहने पर गये अखिलेश
जानकार ये भी बता रहे हैं कि अखिलेश यादव नीतीश कुमार से मिलने को कतई तैयार नहीं थे. मुलायम गुरूग्राम के अस्पताल में भर्ती हैं तो अखिलेश यादव लखनऊ में थे. अखिलेश के एक नजदीकी नेता ने बताया कि पटना से लालू यादव का कम से कम चार दफे कॉल अखिलेश यादव को गया था। लालू यादव का आग्रह था कि नीतीश जब मुलायम सिंह यादव से मिलने जायें तो अखिलेश वहां मौजूद रहें. अखिलेश औऱ लालू संबंधी भी हैं, तभी वे लालू प्रसाद यादव का आग्रह टाल नहीं पाये।
समाजवादी पार्टी के नेता ने जोर देकर कहा कि अखिलेश किसी विपक्षी एकता के फेरे में नहीं पड़ना चाहते. उनका सारा फोकस उत्तर प्रदेश पर है. वहां वे कांग्रेस से लेकर बसपा से दोस्ती कर रिजल्ट देख चुके हैं. नीतीश और लालू का कोई प्रभाव उत्तर प्रदेश में नहीं है. लिहाजा अखिलेश को नीतीश की मुहिम में कोई अभिरूचि नहीं है।