DESK : ट्रेन में यात्रा करने के दौरान एक बात हमेशा याद रखनी जरूरी होती है कि बिना कोई ठोस और उचित वजह के चेन पूलिंग करना उचित नहीं है और इसको लेकर कठोर सजा का भी प्रवाधान है। लेकिन, शायद यह बात रेल में अपनी सेवा प्रदान करने टीटीई बाबू को ध्यान नहीं रहा और उन्होंने गैरकानूनी काम कर दिया। उसके बाद अब रेलवे ने बड़ा एक्शन लिया है।
दरअसल, दिल्ली से कानपुर आ रही स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस में चेनपुलिंग कर टीटीई के भागने के मामले को मंडल रेल प्रबंधक ने गंभीरता से लिया है। यही नहीं, एक अन्य टीटीई के पास मिले अतिरिक्त कैश को भी दंडनीय अपराध माना गया है। डिप्टी सीटीएम कानपुर सेंट्रल आशुतोष सिंह के कंट्रोल को मैसेज देने के बाद दोनों टीटीई को सस्पेंड कर दिया गया है। विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, विजिलेंस की एक टीम कानपुर सेंट्रल पर मुस्तैद थी। दिल्ली से कानपुर पहुंची 12004 स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस पर सवार टीटीई डीके पांडेय, पीपी पांडेय, अनुदीप, आनंद और देवेंद्र पासवान को रोककर तलाशी शुरू कराई गई। इस बीच गाड़ी चल दी तो टीटीई आनंद चकमा देकर चलती ट्रेन में चढ़ गए और लखनऊ फाटक से पहले चेनपुलिंग कर ट्रेन से कूद भागने लगे। आरपीएफ ने उन्हें घेर पकड़ लिया। वहीं, तलाशी के दौरान में टीटीई अनुदीप के पास 13000 रुपये अतिरिक्त कैश मिला था। रविवार को दोनों टीटीई को निलंबित करने के विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
उधर, बीती छह मार्च को दिल्ली से कानपुर के बीच चलने वाली 12034 कानपुर शताब्दी एक्सप्रेस में विजिलेंस टीम ने छापा मारा था। टीटीई फैजान के पास 7600 रुपये अतिरिक्त मिले थे। इसके अलावा पिछले हफ्ते मरुधर एक्सप्रेस में भी टीटीई शंभू के पास से अनियमितता पकड़ी गई थी। इस पर इन दोनों टीटीई को निलंबित कर मुख्यालय अटैच कर दिया गया। एकाएक एक साथ चार टीटीई के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई से चेकिंग दल के बीच हड़कंप की स्थित है।