'विकास के नाम पर नहीं किया कोई भेदभाव : काराकाट में बोले उपेंद्र कुशवाहा .... हमने शिक्षामंत्री रहते खुलवाए कई केंद्रीय विद्यालय

'विकास के नाम पर नहीं किया कोई भेदभाव : काराकाट में बोले उपेंद्र कुशवाहा .... हमने शिक्षामंत्री रहते खुलवाए कई केंद्रीय विद्यालय

PATNA : बिहार में सातवें चरण के लिए जिस सीट की चर्चा सबसे अधिक हो रही है, वह लोकसभा सीट काराकाट का है। यहां मुकाबला त्रिकोणीय बन चुका है। यहां मुकाबले में एनडीए की तरफ से उपेंद्र कुशवाहा तो महागठबंधन की तरफ से राजाराम कुशवाहा चुनाव मैदान में हैं। तो वहीं दूसरी तरफ भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह भी चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में आज एनडीए की तरफ से डेहरी ऑन सोन में पार्टी का प्रधान कार्यालय खोले जाने का निर्णय लिया गया। इस दौरान काराकाट से चुनाव मैदान में उतरे उपेंद्र कुशवाहा ने विरोधियों पर जमकर हमला बोला है। 


उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जब पिछली बार वर्ष 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल हुई। उसके बाद मैंने पूरी निष्ठा से काम किया है। इसके बाद भी यदि कुछ लोग विरोध कर देते हैं तो उनके बारे में यही कहना है कि उनकी बातों में कहीं कोई वास्तविकता नही होती। वर्ष 2014 से 2019 तक हम शिक्षा मंत्री रहते हुए काराकाट लोकसभा क्षेत्र के बच्चों का नामांकन अलग-अलग क्षेत्र के केंद्रीय विद्यालयों में कराया है। जो लोग जहां चाहते थे, वहां नामांकन करवाया गया। भले 2-4 बच्चों का नामांकन अपवाद में छूट गया होगा, वह अलग बात है। 


उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मैंने काम करने में कहीं किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया। मैंने सिर्फ काराकाट लोकसभा क्षेत्र का नाम देखा और नामांकन करवाया। किसी की जाति या धर्म देखकर यह काम नहीं किया। हमने नवीनगर में केंद्रीय विद्यायल की शुरूआत कराई। यह स्कूल वर्ष 2018 से चल रहा है। 


इसके आगे कुशवाहा ने कहा कि सासाराम का केंद्रीय विद्यालय मिडिल स्कूल में चल रहा था। वहां कमरे कम थे और बच्चे बढ़ रहे थे। फिर मैंने सासाराम में नया भवन बनवाया और केंद्रीय विद्यालय का शिलान्यास मैंने खुद किया। औरंगाबाद के गोह ब्लॉक में एक केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति मैंने दी थी। लेकिन केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद राज्य सरकार की भी सहमति चाहिए होती है। जो किसी कारणवश नही मिल सकी। लेकिन अब वह काम भी पूरा हो जाएगा। 


वहीं, कुशवाहा ने कहा कि डालमियानगर में रेल कारखाने की चर्चा खूब हो रही है। लेकिन वहां सबसे महत्वपूर्ण था मलबा हटाना, स्क्रेप हटाना और स्क्रेप हटाने के कुल खर्च के लिए विभाग के द्वारा 100 करोड़ से ज्यादा का बजट रखा गया। जो इतना अधिक था कि कोई लेने को तैयार नहीं हो रहा था। मैंने रेल मंत्रालय से सम्पर्क किया और फैसला लिया गया कि फिर से इसका मूल्यांकन किया जाय और 70 करोड़ दाम लगाकर स्क्रेप को हटाया गया। फिर किसी कारणवश मैं मंत्री पद से हट गया, तो उस वक़्त से अबतक जहां मैंने काम छोड़ा था, वह काम वहीं का वहीं है। 


उधर, कुशवाहा ने वोटरों से वादा करते हुए कहा कि यदि वे इस बार मुझे मौका देंगे तो वहां निर्माण का काम पूरा होगा और नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा। हमने सेवा की है लोगों की और हम जिस गठबंधन के उम्मीदवार हैं उस गठबंधन के मुखिया ने जो काम किया है वह पिछले 10 वर्षों में सबके सामने है। यही कारण है कि कोई हमारी शरहद पर आंख उठाकर देख तक नही सकता है।