PATNA : बिहार में नई शिक्षा नियमावली और बीपीएससी से होने वाली शिक्षक भर्ती प्रकिया को लेकर आंदोलन तेज हो गया है। इसे लेकर पटना के IMA हॉल में शिक्षकों का महासम्मेलन आयोजन किया गया। जिसमें राज्य सरकार के सहयोगी दल माले के विधायक सीधे तौर समर्थन देकर विरोध दर्ज करवा रहे हैं। माले विधायक का कहना है कि, इस नियमावली से नए बहाल शिक्षकों को तो फायदा होगा लेकिन पुराने बहाल शिक्षकों को कोई भी फायदा नजर नहीं आ रहा है।
दरअसल, राजधानी में नई शिक्षक बाहली नीतियों को लेकर एक महासम्मेलन आयोजन किया गया था। इसी महासम्मेलन में भाग लेते हुए लेफ्ट विधायक संदीप सौरव और महबूब आलम ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला। माले विधायक संदीप सौरव ने कहा कि, हम सरकार की नीतियों का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि जो नियमावली लाया गया है उसके अंदर विरोध क्या है उसको लेकर सरकार को हम लोग सुझाव दे रहे हैं। इस मामले से किसी तरह का कोई भी लक्ष्य पूरा नहीं हो रहा। जिस क्वालिटी एजुकेशन का सरकार दावा कर रही है वह सिर्फ एक लिफाफेबाजी है और अंदर से कुछ नही है।
वहीं, महबूब आलम ने कहा कि, राज्य में जो नियोजित शिक्षक हैं उनका भी चयन सरकार के नियमों के तहत ही हुआ है। इसके बावजूद इनको नियमित नहीं करने का फैसला एक गलत फैसला है इस फैसले को सरकार को वापस ले लेना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम विधानसभा में इसको लेकर सवाल उठाएंगे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी बातचीत करेंगे।
इसके आलावा इस सम्मेलन में शिक्षकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला। इस दौरान शिक्षकों ने नीतीश-तेजस्वी को चेतावनी दी कि उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो समय आने पर बता देंगे। शिक्षक संघों ने संदीप सौरभ को बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा का संरक्षक बनाया है।
आपको बताते चलें कि, शिक्षकों का कहना है किअगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वो 13 और 14 मई को सूबे के सभी विधायकों का घेराव किया जाएगा। इसके बाद 20 से 31 मई तक सूबे के सभी जिलों में शिक्षक कन्वेंशन किया जाएगा। इसके साथ ही जुलाई के प्रथम सप्ताह में विधानसभा के समक्ष घेरा डालो, डेरा डालो आंदोलन होगा। इसके बाबजूद भी मांगे नहीं मानी गई तो शिक्षक महाहड़ताल करेंगे।