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1st Bihar Published by: Updated Tue, 30 Nov 2021 07:17:32 AM IST
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PATNA : बिहार के विश्वविद्यालय में वित्तीय गड़बड़ी और अन्य तरह की अनियमितताओं को लेकर सरकार और राज भवन इस वक्त आमने-सामने हैं. राज्यपाल फागू चौहान की शिकायत सरकार की तरफ से दिल्ली तक की जा चुकी है. खुद राज्यपाल फागू चौहान दिल्ली का चक्कर लगा चुके हैं. लेकिन इस पूरे विवाद के बीच यदि सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है.
राज्य के विश्वविद्यालयों में वित्तीय गड़बड़ी से जुड़ी शिकायतें और अन्य अनियमितताओं को देखते हुए. अब नकेल कसनी शुरू कर दी गई है. इन सभी विश्वविद्यालयों की वित्तीय गतिविधियों की समीक्षा का जिम्मा महालेखाकार यानी एजी को दिया गया है. राज्य सरकार की तरफ से एजी को पत्र लिखा गया है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सोमवार को महालेखाकार बिहार को पत्र भेजकर उनसे ऑडिट कराने का आग्रह किया है.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार की तरफ से लिखे गए पत्र में यह कहा गया है कि विश्वविद्यालयों के परफॉर्मेंस ऑडिट कराने की जरूरत है. सरकार की तरफ से एजी को किए गए निवेदन के बाद अब जल्द ही राज्य के सभी विश्वविद्यालयों का परफॉर्मेंस ऑडिट कराया जा सकता है. पत्र के साथ सभी 13 विश्वविद्यालयों का नाम भी सरकार की तरफ से भेजा गया है. सरकार की तरफ से इन विश्वविद्यालयों को जो अनुदान दिया जाता है उसकी पूरी जानकारी भी दी गई है.
आपको बता दें कि पिछले दिनों कई विश्वविद्यालयों में अनियमितता की खबर सामने आई थी. जिसको लेकर राजभवन की लगातार किरकिरी भी हुई. एक विश्वविद्यालय के कुलपति ने तो राजभवन के नाम पर डराने धमकाने का आरोप भी लगाया. कई नामों की चर्चा लगातार हो रही है. फागू चौहान से मुलाकात कर बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी ऐतराज जताया था. लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. आखिरकार अब सरकार ने यह फैसला किया है कि विश्वविद्यालयों में खर्च का लेखा-जोखा ऑडिट के जरिए जांच की जाए.