1st Bihar Published by: Updated Sat, 06 Jun 2020 09:07:02 AM IST
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DESK : कोरोना संकट के बीच अनलॉक वन का फेज शुरू हो गया है. इस बीच इंडियन रेलवे लगातार ट्रेनों की संख्या बढ़ा रहा है. लेकिन कोरोना संकट के इस काल में संक्रमण से बचाव के लिए रेलवे ने यात्रा करने के कई नियमों में बड़े बदलाव किए हैं. अब कन्फर्म टिकट पाने वाले यात्रियों को ही रेल में यात्रा करने की इजाजत है.
इसके साथ ही रेलवे ने कोरोना संकट के इस काल में रिजर्वेशन टिकट के फॉर्म में बड़े बदलाव किए गए हैं. जिसके बाद अब यात्रा करने वाले यात्रियों को अपनी पूरी डिटेल देनी होगी. इसमें मकान नंबर से लेकर गली नंबर तक शामिल है. आप रिजर्वेशन काउंटरों से टिकट लें या IRCTC की वेबसाइट या ऐप से आपकों हर जगह ये जानकारी किसी भी हाल में देनी ही होगी. तभी आपको ट्रेन से यात्रा करने की इजाजत होगी.
1. रिजर्वेशन टिकट के फॉर्म में अपना पूरा पता, मकान नंबर, गली, कॉलोनी, शहर, तहसील और जिले की जानकारी देरी होगी. इसके साथ ही आपको अपना मोबाइल नंबर भी देना होगा,जो यात्रा के समय आप लेकर चल रहे हैं.
2.इसके बाद लोगों में संशय है कि इतना बड़ा फॉर्म भरने में देरी होगी और तब तक टिकटें खत्म हो जाएंगी या दलाल उन पर कब्जा कर लेंगे.
3.जिसके बाद रेलवे ने सफाई दी कि एक फॉर्म भरने में 70 सेकंड से ज्यादा नहीं लगेंगे. रेलवे का कहना है कि राज्यों ने कोरोना के बढ़ते मामले देखते हुए लोगों के पलायन से जुड़े आंकड़े साझा करने का अनुरोध किया था. जिसके बाद यह व्यवस्था की गई है. इसके लिए रेलवे ने अपने सेंटर फॉर रेलवे इन्फर्मेशन सिस्टम यानी क्रिस से सॉफ्टवेयर में बदलाव कराया है.
वहीं रेल यात्रियों को टिकट के कैंसिलेशन और किराया के रिफंड का नियम 2015 लागू है. कन्फर्म टिकट पर डिपार्चर से 4 घंटे पहले टिकट रद्द नहीं कराने पर रेलवे आपको कोई रिफंड नहीं देता. अगर आपके पास कन्फर्म टिकट है और इसे रद्द कराना चाहते हैं तो डिपार्चर से 4 घंटे पहले टिकट रद्द कराने पर ही रिफंड मिलेगा. अगर किसी वजह से रेलवे ट्रेन को कैंसिल करता है तो नियमों के मुताबिक आपको रेल टिकट पर पूरा रिफंड मिलता है.