BUXAR : बिहार में बीजेपी अपने उम्मीदवारों की सूची अगले दो से तीन दिनों में जारी कर सकती है। इसे लेकर दिल्ली में पार्टी के केंद्रीय नेता बैठक भी कर चुके हैं। लोकसभा चुनाव में बड़े बड़ों का टिकट कट सकता है। बक्सर से बीजेपी के सांसद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे भी ऐसी आशंका से घिरे हुए लग रहे हैं।
बिहार बीजेपी के भीष्म पितामह कहे जाने वाले स्व.कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा का उनके पैतृक गांव में स्थापना का विरोध करने वाले अश्विनी चौबे अब डैमेज कंट्रोल में जुड़ गए हैं। बीजेपी सांसद ने आज आनन–फानन में बक्सर जिला पार्टी कार्यालय में कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा का अनावरण कर दिया।
बता दें कि उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के पहले अश्विनी चौबे लगातार बक्सर में कैंप किए हुए हैं और लगभग हर घंटे किसी ने किसी योजना का शिलान्यास कर रहे हैं। आलम यह है कि कई योजनाएं जो अभी पूर्ण नहीं हुई है उनका भी उद्घाटन किया जा रहा है। बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में एक रहे स्व. कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा उनके पैतृक गांव दुधार चक में लगाई जानी थी, तब अश्विनी चौबे ने इसका विरोध किया था।
स्व मिश्र की पुण्यतिथि पर प्रतिमा का अनावरण बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी करने वाले थे लेकिन अश्विनी चौबे ने बीजेपी कोर कमेटी की बैठक के दौरान ही जमकर हंगामा कर दिया था। सूत्रों की माने तो अश्विनी चौबे और बीजेपी के दूसरे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बीच इसे लेकर काफी बहस भी हुई थी। चौबे ने खुला ऐलान कर दिया था कि उनके संसदीय क्षेत्र में कोई भी उनकी मर्जी के बगैर नहीं जाएगा। चौबे के विरोध के कारण सम्राट चौधरी को भी अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था।
स्व मिश्र की प्रतिमा आज भी अनावरण के बगैर उनके पैतृक घर में रखी हुई है हालांकि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की पहल पर पटना में पिछले दिनों प्रतिमा का अनावरण केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया था। इस कार्यक्रम में भी अश्विनी चौबे शामिल नहीं हुए थे जबकि उस वक्त वे पटना में ही मौजूद थे जब अमित शाह ने कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा का अनावरण पटना में किया था।
दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी सांसद ने स्व कैलाशपति मिश्र के गांव को भी विकास कार्यों के लिए गोद लिया था लेकिन आज तक इस गांव में विकास की एक ईंट नहीं डाली गई। पिछले साल सितंबर महीने में स्व मिश्र के परिवार और उनके गांव वालों ने मिलकर प्रतिमा स्थापना का कार्यक्रम तय किया था।
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी इस पर सहमति दी थी और उन्होंने पुण्यतिथि के दौरान इसका अनावरण करने का कार्यक्रम भी तय किया था लेकिन अश्विनी चौबे के विरोध की वजह से मामला खटाई में पड़ गया। अब चुनाव से ठीक पहले बीजेपी सांसद को यह डर सता रहा है कि स्व कैलाशपति मिश्र का विरोध उनके लिए भारी पड़ सकता है। स्थानीय लोगों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच भी इसे लेकर नाराजगी है। ऐसे में जिला कार्यालय में ही आनन-फानन में स्व मिश्र की एक प्रतिमा का उन्होंने अनावरण कर दिया इसके लिए पार्टी के पदाधिकारी तक को पहले से कोई सूचना नहीं दी गई।