तेजस्वी को सुधाकर के जवाब का इंतजार, बोले ... 15 दिन बाद लालू यादव करेंगे फैसला

तेजस्वी को सुधाकर के जवाब का इंतजार, बोले ... 15 दिन बाद लालू यादव करेंगे फैसला

PATNA  : बिहार की राजनीति में इन दिनों महागठबंधन के अंदर खलबली मची हुई है। इस खलबली की वजह कई सारे हैं, जिनमें कुछ प्रमुख वजहों पर नजर डाले तो राजद के विधायक और सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के तरफ से नीतीश के ऊपर की गई बयानबाजी के बाद पार्टी के सुप्रीमों लालू यादव के आदेश के बाद महासचिव के तरफ से जारी कारण बतायो नोटिस जारी किया गया है। जिसके बाद इस मसले को लेकर राजद के सर्वमान्य नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसको लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। 


राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि, सुधाकर सिंह को पार्टी के तरफ से नोटिस जारी किया गया है।  इसके साथ ही उनको इसका जवाब देने को लेकर 15 दिनों का जवाब दिया गया है। अभी उसमें समय बचा हुआ है, समय होने पर उनके तरफ से क्या जवाब आता है पहले हमलोग उसे देखंगे और उसके बाद पार्टी के सुप्रीमों लालू यादव के निर्देश पर कार्य किया जाएगा।  अभी फिलहाल इस मामले में कुछ भी बोलना जल्दबाजी होगी और यह सही भी नहीं होगा। हमलोग अभी उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं, जवाब आने पर उसकी समीक्षा की जाएगी। 


मालूम हो कि, कई बार चेतावनी के बावजूद महागठबंधन के नेतृत्वकर्ता नीतीश कुमार को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर राजद के शीर्ष नेतृत्व ने विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया था । राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सुधाकर सिंह को नोटिस जारी करते हुए लिखा कि, राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव  के संज्ञान में आया है कि एक बार फिर से आपने गठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लघंन किया है। 


जबकि , राष्ट्रीय अधिवेश में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि गठबंधन के मसलों और शामिल दलों के शीर्ष नेतृत्व के संदर्भ में सिर्फ राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव या उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही बात करने के लिए अधिकृत हैं। इसके बावजूद आपने (सुधाकर सिंह) इस प्रस्ताव का उल्लघंन किया है। आप कृपया 15 दिनों के अंदर यह स्पष्टीकरण दें कि क्यों नहीं आपके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।



इधर, इस नोटिस आने के बाद सुधाकर सिंह ने कहा था कि, वे पार्टी की नीतियों, सिद्दांतों और संविधान से बंधे हुए हैं। पार्टी ने जो नोटिस भेजा है उसका समय सीमा के भीतर अपना पक्ष प्रस्तुत कर देंगे। उन्होंने कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है, इसलिए सार्वजनिक तौर पर वे कुछ बोल नहीं सकते हैं। नोटिस में क्या लिखा हुआ है और उसका क्या जवाब दिया जाए, इसे सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं।