ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar election: कमजोर वर्ग के वोटरों की सुरक्षा को लेकर डीजीपी ने कसी कमर,कहा - दागियों-दबंगों पर होगी सख्त कार्रवाई Bihar election: बिहार चुनाव 2025: पहले चरण के मतदान से पहले पीएम नरेंद्र मोदी 2 नवंबर को पटना में करेंगे रोड शो Chhath Puja 2025: लोक आस्था का महापर्व छठ का दूसरा दिन, उपेन्द्र कुशवाहा की पत्नी ने किया खरना पूजा, छठी मईया से बिहार की तरक्की की कामना Chhath puja 2025: लगातार दूसरे दिन अजय सिंह ने छठ व्रतियों के बीच किया पूजन सामग्री का वितरण Bihar Election 2025 : जदयू विधायक दामोदर रावत का ग्रामीणों से विरोध, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल; जानिए क्या है पूरा मामला Chhath puja : पीएम मोदी ने मन की बात में दी छठ महापर्व की शुभकामनाएं, कहा - घर घर बन रहे ठेकुआ, सज रहे घाट Bihar Election 2025 : बीयर लेकर बिहार आए यूपी के पूर्व विधायक धनंजय कन्नौजिया गिरफ्तार, बीजेपी चुनाव प्रचार मामला, कोर्ट ने भेजा जेल Bihar BJP leader : पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद डॉ. संजय जयसवाल से 10 करोड़ की रंगदारी, बेटे को जान से मारने की धमकी central government employees: केंद्रीय कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीमा बढ़ी, इन लोगों पर नहीं लागू होंगे नियम “अक्षरा सिंह ने खेसारी लाल यादव पर बोला हमला, कहा - वो तो खुलेमाम मेरा ...,ज्योति सिंह को दिया खुला समर्थन”

Life Style: क्या बुखार होते ही दवा लेनी चाहिए? जानिए... डॉक्टरों की राय और जरूरी सावधानियां

Life Style: बुखार एक सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण लक्षण है, जिसे सुनते ही ज़्यादातर लोग तुरंत दवा लेने की सोचने लगते हैं। खासकर पैरासिटामोल जैसी आम बुखार की गोलियां हल्का तापमान महसूस होते ही खा ली जाती हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 20 Aug 2025 03:26:41 PM IST

Life Style

लाइफ स्टाइल - फ़ोटो GOOGLE

Life Style: बुखार एक सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण लक्षण है, जिसे सुनते ही ज़्यादातर लोग तुरंत दवा लेने की सोचने लगते हैं। खासकर पैरासिटामोल जैसी आम बुखार की गोलियां हल्का तापमान महसूस होते ही खा ली जाती हैं। लेकिन क्या हर बार बुखार आते ही दवा खाना सही है? विशेषज्ञों की राय कहती है नहीं।


दरअसल, बुखार अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह शरीर का एक नेचुरल अलार्म सिस्टम है, जो यह संकेत देता है कि शरीर के अंदर कोई संक्रमण, सूजन या गड़बड़ी हो रही है। यह हमारे इम्यून सिस्टम की एक प्रतिक्रिया है, जिससे शरीर बैक्टीरिया, वायरस या किसी अन्य संक्रमण से लड़ने की कोशिश करता है।


डॉक्टर्स का मानना है कि हल्के बुखार में तुरंत दवा लेना आवश्यक नहीं होता। यदि बुखार 100°F या 101°F तक है और मरीज को कोई ज्यादा तकलीफ नहीं है, तो आराम करना, पर्याप्त पानी पीना और शरीर को खुद संक्रमण से लड़ने का मौका देना बेहतर होता है। इससे इम्यून सिस्टम और भी मजबूत होता है।


हालांकि, यदि बुखार 102°F से ऊपर चला जाए, सिरदर्द, बदन दर्द या कमजोरी बढ़ जाए, तो डॉक्टर की सलाह लेकर दवा लेना जरूरी हो जाता है। खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को बुखार अधिक गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, ऐसे में सतर्कता बेहद जरूरी है।


कब जरूरी है दवा लेना?

जब बुखार 101-102 डिग्री से ज्यादा हो जाए

अगर बुखार के साथ तेज सिरदर्द, बदन दर्द या कमजोरी हो

बच्चे, बुजुर्ग या पहले से बीमार व्यक्ति को तेज बुखार हो

बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ, उल्टी या चक्कर आने लगें

बुखार लगातार 2 दिन तक बना रहे


तुरंत दवा न लेने के भी कई फायदे है, जिसमें शरीर की प्राकृतिक इम्यूनिटी मजबूत होती है और इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता विकसित होती है। बिना जरूरत दवा खाने से बचाव होता है, जिससे लिवर और किडनी पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता। दवा प्रतिरोध (medicine resistance) का खतरा कम होता है। 


डॉक्टर से तुरंत संपर्क कब करें?

बच्चे को बुखार के साथ झटके (seizures) आएं

बुखार के साथ सांस फूलना या तेज खांसी हो

बुखार लगातार तीन दिन तक बना रहे

बुखार के साथ बेहोशी, भ्रम या सुस्ती जैसे लक्षण दिखाई दें


बुखार एक सामान्य लक्षण जरूर है, लेकिन इसे हल्के में लेना या बिना जरूरत दवा खाना, दोनों ही गलत हो सकते हैं। हल्के बुखार में शरीर को आराम देना, पानी और तरल पदार्थों का सेवन करना तथा कुछ समय तक निगरानी करना सबसे बेहतर तरीका है। लेकिन जब लक्षण गंभीर हों या बुखार लंबे समय तक बना रहे, तो डॉक्टर से संपर्क करना ही सबसे सुरक्षित और समझदारी भरा कदम है।