PATNA : बिहार के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग के मंत्री तेजस्वी यादव लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार को लेकर बैठक करते रहते हैं। इस दौरान वो स्वास्थ्य विभाग के तमाम योजनाओं की समीक्षा करते हैं और नए दिशानिर्देश भी जारी करते हैं। इस बीच कुछ दिन पहले उन्होंने राज्य के सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर दिशा निर्देश दिया था। जिसके बाद अब सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों का रिकार्ड दुरुस्त करने को लेकर तैयारी कर ली गई है।
दरअसल, स्वास्थ विभाग के तरफ से अब यह निर्णय लिया गया है कि अस्पतालों में जितने मरीजों का एक दिन में इलाज के लिए पंजीकरण हो रहा है उतने लोग का हर हाल में उपचार किया जाए और उन्हें नि:शुल्क जांच और दवाएं भी उपलब्ध करवाया जाए।
वहीं, विभाग तरफ से पिछले दिनों विभाग के वरीय पदाधिकारियों द्वारा मरीजों के रिकॉर्ड की समीक्षा की गई जिसमें कई गलतियां भी पाई गई। अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों के आंकड़े एक समान नहीं है। जिसके बाद अब यह निर्देश जारी किया गया है कि अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा और उनका रिकॉर्ड रखना अति आवश्यक होगा इसमें लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर सख्त कार्यवाही भी की जाएगी।
स्वास्थ विभाग के तरफ से कहा गया है कि, अब जैसे ही मरीज इलाज के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे उसी समय काउंटर पर बैठे कर्मी उसे तत्काल स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर अपलोड करेंगे। इसके साथ ही जब डॉक्टर उस मरीज को देख लेगा तो फिर से उसी समय मरीज का सारा रिकॉर्ड पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इसी तरह दवा काउंटर पर भी बैठे व्यक्ति किया जिम्मेदारी होगी की दवा देते समय मरीज की पूरी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करें। इतना ही नहीं अब किसी मरीज का यदि पैथोलॉजी जांच होता है तो उसका भी पूरा ब्योरा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
आपको बताते चलें कि, स्वास्थ विभाग के अंदर कई जगह गड़बड़ी उजागर हो रही थी। आंकड़ों के मिलान में आंकड़ा इधर-उधर हो रहा था। जिसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्णय लिया है कि, आंकड़ों का मिलाना हर रोज किया जाएगा ताकि किसी तरह की कोई गड़बड़ी उजागर हो तो उसे तुरंत खत्म किया जा सके। इसके साथ ही साथ साप्ताहिक और मासिक तौर पर एक समीक्षा बैठक भी की जाएगी।