भतीजे को मिला चाचा का साथ : तेजस्वी की सभा में चिराग को गाली देने पर भड़के पशुपति पारस, सीएम नीतीश से कर दी यह बड़ी मांग

भतीजे को मिला चाचा का साथ : तेजस्वी की सभा में चिराग को गाली देने पर भड़के पशुपति पारस, सीएम नीतीश से कर दी यह बड़ी मांग

PATNA : जमुई में तेजस्वी की चुनावी सभा में आरजेडी समर्थकों द्वारा चिराग पासवान को गाली देने को लेकर बिहार की सियासत गरम हो गई है। बीजेपी के साथ-साथ एनडीए में शामिल दल आरजेडी पर हमलावर हो गए हैं और इसे आरजेडी का संस्कार बता रहे हैं। एक ही गठबंधन में रहते हुए एक-दूसरे के सियासी प्रतिद्वंदी बने भतीजे को चाचा का साथ मिल गया है। भतीजे चिराग को गाली देने पर भड़के चाचा पशुपति कुमार पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बड़ी मांग कर दी है।


दरअसल, बिहार की सियासत में बयानबाजी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान एक-दूसरे के खिलाफ जहर उगल रहे नेता मर्यादा की सभी सीमाएं लांघ रहे हैं। जमुई में एक चुनावी सभा के दौरान तेजस्वी यादव की मौजूदगी में आरजेडी नेताओं ने लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को मां की गाली दे दी। आऱजेडी की सभा में चिराग को गाली देने को लेकर बिहार की सियासत गरम हो गई है।


जमुई में एक चुनावी सभा के दौरान आरजेडी के किसी नेता या कार्यकर्ता ने सरेआम चिराग पासवान की मां के लिए बेहूदा भाषा का इस्तेमाल किया है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर गाली-गलौज के इस वीडियो के वायरल होने के बाद एक तरफ जहां तेजस्वी इससे अनभिज्ञता जता रहे हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी इसको लेकर हमलावर हो गई है। एनडीए के नेताओं ने राज्य निर्वाचन आयोग पहुंचकर इसकी शिकायत चुनाव आय़ोग से भी की है।


भतीजे पर प्रहार होता देख भड़के चाचा पशुपति कुमार पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बड़ी मांग कर दी है। सोशल मीडिया एक्स के जरिए उन्होंने असामाजिक तत्वों के खिलाफ केस दर्ज कर सख्त कार्रवाई की मांग की है। पारस ने कहा कि इस प्रकार की भाषा माफी योग्य नहीं है।


पारस ने एक्स पर लिखा, ‘बिहार सरकार से इस प्रकार के असामाजिक तत्वों के खिलाफ FIR कर जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई की मांग करता हूं”। उन्होंने आगे लिखा, “जमुई में तेजस्वी यादव की सभा में हमारी भाभी जी के बारे में अमर्यादित एवं अभद्र भाषा का प्रयोग किए जाने की घटना की हम घोर निंदा करते हैं। इस प्रकार की भाषा माफ़ी योग्य नहीं हों सकती”।