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तालिबान का दाढ़ी कोड: अफगानिस्तान में सरकारी कर्मचारियों के लिए दाढ़ी रखना जरूरी, महिलाओं के अकेले फ्लाइट में चढ़ने पर रोक

1st Bihar Published by: Updated Tue, 29 Mar 2022 04:43:22 PM IST

तालिबान का दाढ़ी कोड: अफगानिस्तान में सरकारी कर्मचारियों के लिए दाढ़ी रखना जरूरी, महिलाओं के अकेले फ्लाइट में चढ़ने पर रोक

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DESK: अफगानिस्तान की तालिबानी हुकूमत ने अपने सरकारी कर्मचारियों के लिए नया फरमान जारी किया है. अगर सरकारी नौकरी करनी है तो दाढ़ी रखनी पडेगी. बगैर दाढ़ी के सरकारी दफ्तरों में एंट्री नहीं मिलेगी. सिर्फ दाढ़ी ही नहीं बल्कि उनके लिए कपडे भी तय किये गये हैं. अब कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी शर्ट-पैंट या सूट नहीं पहनेगा. उन्हें लंबा कुर्ता और पायजामा पहन कर ही सरकारी दफ्तर में आने का फरमान जारी किया गया है. 


तालिबान शासित अफगानिस्तान के धार्मिक मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों को लेकर आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया गया है कि उनके लिए दाढ़ी रखना अनिवार्य है. सरकारी मुलाजिमों को सिर्फ तालिबानी ड्रेस यानि लंबा और ढीला कुर्ता-पायजामा पहनना होगा. तालिबानी नुमाइंदों ने सोमवार औऱ मंगलवार को सरकारी दफ्तरों में जांच की. बिना दाढ़ी वाले सरकारी कर्मचारियों को आफिस आने से रोक दिया गया. वहीं उनके उनके ड्रेस कोड की भी जांच की गई.


महिलाओं पर लादी गयीं बंदिशें

तालिबान शासकों ने अफगानिस्तान में हवाई सेवा शुरू करने वाली एयलाइंस को आदेश जारी किया है. एयरलाइंस से कहा गया है कि अगर कोई महिला अकेले यात्रा करने आती है तो उसे रोक दिया जाये. हवाई जहाज में प्रवेश की अनुमति सिर्फ उन्हीं महिलाओं को दी जाये जिनके साथ कोई पुरुष रिश्तेदार हो. तालिबान ने दो दिन पहले एक और आदेश जारी किया था. इसमें कहा गया था कि अम्यूज्मेंट पार्क में जिस दिन महिलायें जायेंगी उस दिन पुरूषों को प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा. 


गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से ही तालिबान महिलाओं पर लगातार बंदिशें लगा रहा है. तालिबान की ओर से कई अजीबो गरीब फरमान जारी किये जा चुके हैं. महिलाओं को अकेले घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दिया गया है. उनके स्कूल जाने पर भी रोक लगाया गया है. इसके साथ ही दुकानों पर महिलाओं की तस्वीर वाले बोर्ड हटा दिए गए हैं. तालिबान का कहना है वह इस्लामी नियमों के तहत काम कर रहा है. 


जानकार बता रहे हैं कि तालिबान महिलाओं पर अभी और बंदिशें लगा सकता है. इससे पहले भी अफगानिस्तान में तालिबान का शासन रह चुका है. उस दौरान महिलाओं और लड़कियों को काम करने और स्कूल-कॉलेज जाने की इजाजत नहीं थी. तालिबानी राज में  अफगानिस्तान में एक भी लड़की स्कूल नहीं जाती थी. तालिबान ने अखबारों, किताबों, दुकानों और घरों में महिलाओं की फोटो लगाने पर पाबंदी लगा रखी है. महिलाओं के नाम पर किसी भी सार्वजनिक जगह का नाम भी नहीं रखा जा सकता है. 


तालिबानी राज में छोटी-छोटी बच्चियों के लिए भी बुर्का पहनना जरूरी कर दिया गया है. महिलाएं अकेले घर से बाहर नहीं निकल सकती हैं. उन्हें घर से बाहर जाने के लिए अपने साथ किसी पुरुष को ले जाना होगा. महिलाओं को ऊंची हील पहनने पर पाबंदी लगा दी गयी है. तालिबानी राज में पर्दा इतना सख्त है कि महिलाएं सार्वजनिक जगहों पर बात तक नहीं कर सकती हैं ताकि उनकी आवाज कोई दूसरा पुरुष न सुन सके. इन नियम-कायदों को तोड़ने पर महिलाओं को सख्त सजा देने का फरमान है. उन्हें सार्वजनिक जगहों पर पत्थरों से मारने से लेकर शरिया कानून के मुताबिक दूसरी सजा दी जाती है.