DELHI: अभी-अभी बड़ी खबर सामने आ रही है। तबलीगी मरकज पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। जमात में शामिल हुए सभी विदेशियों पर भारत में 10 साल तक इंट्री बैन कर दिया गया है।
दिल्ली पुलिस की सिफारिश पर केन्द्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए तबलीगी मरकज में शामिल हुए विदेशी जमातियों पर भारत में आने पर 10 साल तक रोक लगा दी है। वहीं मौलाना साद के खिलाफ भी जांच तेज कर दी गयी है।बताया जा रहा है कि 2200 विदेशी जमातियों पर गृह मंत्रालय ने बैन लगाया है। वहीं मौलाना साद पर पर भी सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मौलाना के खिलाफ जांच तेज कर दी गयी है।
ब्लैकलिस्ट किए गए विदेशियों में माली, नाइजीरिया, श्री लंका, केन्या, जिबूती, तंजानिया, दक्षिण, अफ्रीका, म्यांमार, थाईलैंड, बांग्लादेश, यूके, ऑस्ट्रेलिया और नेपाल के नागरिक शामिल हैं।बड़ी संख्या में निजामुद्दीन मरकज में विदेशियों को भारत में यात्रा करते हुए पाया गया था, जिन्होंने तबलीगी जमात से संबंधित गतिविधियों में भाग लिया। यह भी पता चला है कि इनमें से अधिकतर विदेशी पर्यटक वीजा या ई-वीजा पर आए थे। वीजा की शर्तों के उल्लंघन के मामले पर भारत सरकार ने सभी के वीजा रद्द कर दिए थे, जिससे कोई भी देश से बाहर ना जा सके।
इस बीच दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि दिल्ली हिंसा के एक आरोपी का हजरत निजुमाद्दीन मरकज से भी लिंक है। पुलिस के मुताबिक 24 फरवरी को शिव विहार में एक स्कूल के बाहर हिंसा हुई थी। जांच में खुलासा हुआ है कि स्कूल के मालिक फैजल फारुक का जामिया कॉर्डिनेशन कमिटी, हजरत निजामुद्दीन मरकज, देवबंद और कुछ अन्य मुस्लिम संगठनों के सदस्य से संपर्क हैं। कॉल डिटेल से पता चला है कि काफी गहरी साजिश रची गई थी।
आपको बता दें कि हजरत निजामुद्दीन मरकज इससे पहले कोरोना वायरस हॉटस्टॉप बनने की वजह से चर्चा में आया था और अब इसके तार दिल्ली हिंसा से जुड़ रहे हैं। मार्च के महीने में जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले 2300 से ज्यादा लोगों को अस्पताल और क्वरान्टीन सेंटर भेजा गया था। अब पुलिस का दावा है कि राजधानी पब्लिक स्कूल के बाहर हुई हिंसा को भड़काने की साजिश फारुक ने रची थी।