सवर्ण सेना ने सिंदुआरी के दोषियों पर कार्रवाई की मांग की, घटना को जातीय रूप देने पर जतायी नाराजगी

सवर्ण सेना ने सिंदुआरी के दोषियों पर कार्रवाई की मांग की, घटना को जातीय रूप देने पर जतायी नाराजगी

GAYA : सिंदुआरी  के दोषियों पर सवर्ण सेना ने कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए इस घटना को जातीय रुप देने पर नाराजगी जताई है. सवर्ण सेना के भागवत शर्मा ने कहा कि कुछ नेतागण जो इस घटना को जातीय रंग देने का प्रयास कर रहे है उसका मै विरोध करता हूं. क्योंकि यह भविष्य में इस इलाके के माहौल के लिए अशुभ संकेत है.

भागवत शर्मा ने कहा कि हत्या जैसी वीभत्स घटना अति निंदनीय है एवं इस तरह के अपराध एक सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है. ऐसी घटनाएं समाज को तोड़ने  का काम करती है. घटना के पहले एवं बाद में प्रशासन ने जो लचर और सुस्त रवैया अपनाया है इस से सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े होते है. इस तरह की कायरतापूर्ण हरकत बिना किसी राजनीतिक प्रश्रय के संभव नहीं है और इसी बीच ग्रामीणों द्वारा सत्ताधारी पार्टी के विधायक पर आरोप कई सवाल खड़े करता है.

 बिहार के तथाकथित जंगलराज को उखाड़ फेकने एवं वर्तमान सत्ता के प्रारंभिक स्थापना के दौर में सबसे ज्यादा भागीदारी निभाने वाले समाज के साथ इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटना और इसमें सत्ता के लोगो की मिलीभगत अच्छे संकेत नहीं है. जिस भूमि से पोषक रस ले कर बड़े हुए उसी को रक्त से सीचने के प्रयास हो रहे है. ये सच है कि ये समाज ने हमेशा राष्ट्रीयता एवं विकास के मुद्दे को अपने हितों से ऊपर रखा है, मगर संकट कि जो परिस्थितियां लगातार बढ़ती जा रही है, उससे हमें जंगलराज के वे पुराने दिन स्मृति पटल पर फिर से ताज़ा हो गए है. हम ये भी नहीं चाहेंगे कि बिहार वो पुराने दौर फिर से दुहराए और हमें  सुरक्षा एवम् सम्मान के लिए प्रतिशोध लेने की नौबत फिर से आए.

न्याय की बात दोहराना इसीलिए ज्यादा आवश्यक है कि इस घटना में सत्ता समर्थित लोगो के शामिल होने के आरोप है. प्रशासन द्वारा इस घटना को रोकने में हुई कथित लापरवाही भी सत्ता के दुरुपयोग और सत्ता के लोगो के शामिल होने का संदेह पैदा करता है. चुकी इस घटना में एक विधायक की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे है अतः इसमें सरकार के द्वारा समुचित न्याय का प्रयास किया जाना अत्यंत जरूरी है. अतः सरकार से हमारी अपील है कि आपसी सौहार्द को कायम रखने एवं जनता का सरकार के प्रति विश्वास की बहाली के लिए दोषियों पर जल्द से जल्द सख्त करवाई करे. SIT का गठन एवम्  निष्पक्ष जांच इस दिशा में सरकार के इरादे जाहिर करेंगे. साथ ही साथ अपराधियों को कानून का भय बना रहेगा भले ही वो कितने ही बड़े लोगो द्वारा संरक्षित एवम् पोषित क्यों ना हों. सरकार हमारी शांति को हमारी कमजोरी समझने की भूल ना करे, सरकार की अकर्मण्यता की स्थिति में हम आगे की रणनीति तय करेंगे जिसके गंभीर परिणाम होंगे. समाज में शांति एवम् सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए एवम् परिस्थितियों को बिगड़ने से रोकने के लिए सरकार का न्यायपूर्ण कदम अति आवश्यक है.  इस घटना के जिम्मेदार लोगो की तुरंत फांसी की सजा सुनाई जाए. समुचित दंड के अभाव में अपराधियों का मनोबल बढ़ता है जो एक स्वस्थ समाज के लिए घातक होता है. साथ ही साथ  वैसे तो जनहानि की कोई प्रतिपूर्ति नहीं है परन्तु सरकार के द्वारा मृतकों के परिजनों को 25-25  लाख एवं घायलों को 5लाख के मुआवजे अविलंब सहायता दी जानी चाहिए और प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को एक सरकारी नौकरी देनी चाहिए.  यह पीड़ित परिवार के दर्द पे मरहम लगाने का काम करेगा एवम् सरकार के प्रति भविष्य में भी ये समाज अपनी निष्ठा बनाए रखे, ये सुनिश्चित करेगा.