PATNA : सुशासन की सरकार में दोनों हाथों से नोट छापने वाले भ्रष्ट इंजीनियरों के ऊपर लगातार निगरानी नकेल कस रहा है। पटना में आज पथ निर्माण विभाग के जिस इंजीनियर के घर पर छापेमारी की गई उसके यहां अकूत संपत्ति का पता चला है। पटना स्थित कार्यपालक अभियंता कौन्तेय कुमार के आवास पर छापेमारी करने गई निगरानी की टीम के अधिकारियों के नोट गिनते-गिनते पसीने छूट गए। घर से बरामद कैश इतनी ज्यादा थी कि हाथ से नोटों का बंडल गिनने बैठे अधिकारियों को चक्कर आने लगा। आखिरकार कैश काउंटिंग मशीन मंगानी ही पड़ी।
पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता कौन्तेय कुमार के गोसाई टोला स्थित फ्लैट की तलाशी के दौरान 15 लाख से ज्यादा कैश बरामद किया गया। इसके अलावा भारी मात्रा में ज्वेलरी भी बरामद की गई है। धनकुबेर इंजीनियर के पास से संपत्ति के जो पेपर मिले हैं उसके मुताबिक से रकम करोड़ों में है। इंजीनियर साहब और उनकी पत्नी के नाम से अलग-अलग बैंकों में 8 खाते और दो लॉकर भी मिले हैं। इसके बाद पटना सिटी स्थित गुलजारबाग अंचल में तैनात कार्यपालक अभियंता कौन्तेय कुमार के ऊपर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच के दौरान खबर लिखे जाने तक निगरानी की टीम को एक करोड़ 76 लाख 83 हजार 920 रुपए की आय से अधिक संपत्ति के बारे में जानकारी मिली है। साढ़े 15 लाख रुपए कैश के अलावे इंजीनियर साहब के फ्लैट से लगभग 4 किलोग्राम चांदी और 691 ग्राम सोने की ज्वेलरी भी बरामद की गई है। बरामद की गई ज्वेलरी की कीमत तकरीबन 33 लाख से ज्यादा है। निगरानी ने छापेमारी के बाद इंजीनियर और उनकी पत्नी के नाम से सभी बैंकों में खातों को फ्रीज करवा दिया है। साथ ही साथ लॉकरों को भी फ्रीज करवा दिया गया है। अब अलग से इसकी तहकीकात की जाएगी।
धनकुबेर इंजीनियर ने किस रफ्तार से अकूत संपत्ति बनाई इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने बोरिंग रोड जैसे वीवीआईपी इलाके में चर्चित कृष्णा अपार्टमेंट के अंदर दो फ्लैट खरीदे। अपार्टमेंट के C ब्लॉक के आठवें तल्ले पर फ्लैट संख्या 82 और 83 को मिलाकर एक बड़ा साल लग्जरी फ्लैट बनाया जा रहा है। निगरानी की टीम यहां भी पहुंची। इस फ़्लैट की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। इसके अलावे पटना के अलग-अलग इलाकों में कई जमीनों के कागजात भी मिले हैं। वैशाली के हाजीपुर में भी इंजीनियर ने जमीन खरीद रखी है। आपको बता दें कि कौन्तेय कुमार साल 2004 में बिहार सरकार की नौकरी में आए थे इसके बाद उन्होंने करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर डाली। धनकुबेर इंजीनियर ने जब नौकरी शुरू की तो बिहार में उसके एक साल बाद ही नीतीश कुमार की सरकार आ गई थी। ऐसे में जीरो टॉलरेंस को लेकर सरकार की नीति होने के बावजूद इंजीनियर ने कैसे अकूत संपत्ति जमा की यह भी सवाल खड़े करता है।