DESK : सुप्रीम कोर्ट में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। कोर्ट में एक शख्स ने कहा है कि उसकी पत्नी एक महिला नहीं बल्कि मर्द है। पीड़ित शख्स ने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पीड़ित की याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया कि निश्चित तौर पर कथित पत्नी पर धोखाधड़ी के लिए आपराधिक मुकदमा चलना चाहिए।
दरअसल, साल 2019 में ग्वालियर के एक मजिस्ट्रेट ने पीड़ित की शिकायत पर उसकी कथित पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप पर संज्ञान लिया था। पीड़ित व्यक्ति का आरोप है कि साल 2016 में उसकी शादी हुई थी, लेकन शादी के बाद उसे पता चला कि उसकी पत्नी औरत नहीं बल्कि मर्द है। पीड़ित का कहना है कि जिससे उसकी शादी हुई उसके पास पुरुष जननांग हैं। लिहाजा दोनों के बीच शारीरिक संबंध नहीं बन सकता है। साल 1017 में पीड़ित ने कथित पत्नी और उसके पिता के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए मजिस्ट्रेट से गुहार लगाई थी।
मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक उसकी पत्नी के पास अविकसित लिंग और अविकसित हाइमन है। अविकसित हाइमन एक जन्मजात बीमारी है, जो योनि को बाधित करता है। पीड़ित के वकील एन के मोदी ने बेंच को बताया कि भारतीय दंड संहिता 420 के तहत यह एक आपराधिक मामला है।
गौरतलब है कि साल 2021 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें धोखाधड़ी के आरोप पर कथित पत्नी को सम्मन जारी किया था। हाई कोर्ट के इसी आदेश के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। पीड़ित के वकील ने कोर्ट के सामने दलील दी कि पीड़ित के पास पर्याप्त सबूत हैं जो साबित करता है कि उसकी पत्नी महिला नहीं है।