1st Bihar Published by: Updated Sat, 04 Jun 2022 01:57:32 PM IST
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DESK : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्य समाज को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने का कोई अधिकार नहीं और इसके साथ ही नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी. जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना की अवकाशकालीन पीठ ने आरोपित के वकील की इस दलील को खारिज कर दिया कि लड़की बालिग है और उन्होंने आर्य समाज मंदिर में शादी की थी और विवाह प्रमाणपत्र रिकार्ड पर है.
पीठ ने कहा आर्य समाज का विवाह प्रमाणपत्र जारी करने का कोई हक नहीं है. यह अधिकारियों का काम है. शिकायतकर्ता लड़की की ओर से अधिवक्ता ऋषि मटोलिया पेश हुए. उन्होंने कहा कि पीड़िता ने दर्ज कराए गए अपने बयान में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं. इसके बाद बेंच ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी.
इस मामले में पीठ ने कहा, मैरिज सर्टिफिकेट जारी करना आर्य समाज का काम नहीं है. यह अधिकारियों का काम है. शिकायतकर्ता लड़की की ओर से पेश अधिवक्ता ऋषि मतोलिया ने कहा कि पीडि़ता ने सीआरपीसी की धारा-164 के तहत दर्ज कराए गए अपने बयान में आरोपित के खिलाफ रेप का स्पष्ट आरोप लगाया है. इसके बाद पीठ ने आरोपित की याचिका खारिज कर दी.