DESK : दिल्ली की साकेत कोर्ट ने जामिया हिंसा मामले में आरोपित शरजील इमाम को शुक्रवार को बरी कर दिया। इसके ऊपर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को भड़काने का आरोप लगा था। उस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प के बाद हिंसा भड़क गई थी। इस ममाले में शरजील को इससे पहले 2021 में जमानत मिली थी।
इसके साथ ही आसिफ इकबाल तन्हा को भी आरोप मुक्त कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल वर्मा ने इसको लेकर आदेश पारित किया। ,शारजील इमाम और आसिफ इकबाल तन्हा के ऊपर दर्ज एफआईआर में दंगा और गैरकानूनी रूप से जमा होने के अपराध का आरोप लगाया गया है। इस मामले में आईपीसी की धारा 143, 147, 148, 149, 186, 353, 332, 333, 308, 427, 435, 323, 341, 120B और 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। हालांकि, इमाम अभी भी 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के संबंध में दर्ज अन्य एफआईआर में हिरासत में है। इमाम और तन्हा दोनों स्पेशल सेल के मामले में आरोपी हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के पीछे एक बड़ी साजिश थी।
बता दें कि, दिल्ली पुलिस के मुताबिक 15 दिसंबर 2019 को पुलिस को सूचना मिली कि न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में कुछ प्रदर्शनकारियों ने CAA और NRC के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम कर दी हैं। इस मामले में जांच के दौरान यह साफ हुआ कि 13 दिसंबर 2019 को शरजील इमाम ने जामिया इलाके में एक भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद 15 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन किया।जिसके बाद शरजील इमाम के खिलाफ पुलिस ने देशद्रोह और दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।