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पटना सिटी के DSP औऱ पूर्णिया के SP पर कार्रवाई की अनुशंसा: घोटाले के आऱोपियों को सरकार ने सौंप रखा है पुलिस का अहम पद

1st Bihar Published by: Updated Thu, 20 May 2021 07:38:51 AM IST

पटना सिटी के DSP औऱ पूर्णिया के SP पर कार्रवाई की अनुशंसा: घोटाले के आऱोपियों को सरकार ने सौंप रखा है पुलिस का अहम पद

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PATNA : शेखपुरा में बहुचर्चित सिपाही वेतन घोटाले को रफा दफा करने वाले पुलिस अधिकारियों को राज्य सरकार ने मलाईदार पोस्टिंग दे रखी है. घोटाले को रफा दफा करने में अहम रोल निभाने वाले एसपी दयाशंकर को पूर्णिया के एसपी का जिम्मा मिला हुआ है. वहीं, इस घोटाले के एक औऱ संदिग्ध डीएसपी दयाशंकर को पटना में पटना सिटी का डीएसपी बना कर रखा गया है. अब डीआईजी ने शेखपुरा सिपाही वेतन घोटाले में दोनों की भूमिका की जांच के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा कर दी है. 

मुंगेर डीआईजी की रिपोर्ट

शेखपुरा सिपाही वेतन घोटाले की जांच मुंगेर के डीआईजी शफीउल हक ने की है. उन्होंने शेखपुरा के तत्कालीन एसपी दयाशंकर औऱ डीएसपी अमित शरण की भूमिका बेहद संदिग्ध पाया है. डीआईजी की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों के कार्यकलाप में काफी गड़बडी पायी गयी है. लिहाजा दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा के साथ डीआईजी ने अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंपी है. 

गलत सुपविजन कर घोटालेबाजों को क्लीन चिट दे दी

डीआईजी शफीउल हक ने अपनी जांच में पाया है कि शेखपुरा में सिपाहियों के वेतन में भारी घोटाले के बाद तत्कालीन एसपी दयाशंकर औऱ डीएसपी अमित शऱण ने गलत तरीके से जांच की. दोनों अधिकारियों ने तथ्यों औऱ सबूतों को दरकिनार कर आरोपियों को क्लीन चिट दे दी. इन अधिकारियों ने आरोपियों को विभागीय कार्यवाही से भी बचाने की कोशिश की. डीआईजी ने अपनी जांच में शेखपुरा के पुलिस के तत्कालीन लेखापाल. खाते में इंट्री करने वाले बैंककर्मी और सिपाही वेतन घोटाले की जांच करने वाली ऑडिट टीम के खिलाफ भी कार्रवाई की अनुशंसा की है. 

सिपाहियों के वेतन के 58 लाख का हुआ था गोलमाल

शेखपुरा में 2015 से 2018 के बीच सिपाहियों के वेतन के 58 लाख रूपये का गोलमाल कर लिया गया था. घोटाले का सूत्रधार मंटू कुमार नाम का सिपाही था. उसने अपने 6 और सहयोगियों के साथ मिलकर घोटाले की सारी साजिश रची थी. घोटालेबाजों ने सिपाहियों के वेतन वितरण में गड़बड़ी की. सरकार की ओऱ से सिपाहियों को वेतन वृद्धि दी गयी थी. लेकिन घोटालेबाजों ने उनके खाते में पुराना वेतन ही डाला. वेतन वृद्धि का जो पैसा था उसे मंटू कुमार ने अपने 6 सहयोगी सिपाही-हवलदारों के खाते में ट्रांसफर कर दिया. कुल 56 लाख रूपये 6 लोगों के खाते में ट्रांसफर किये गये थे. 

जांच रिपोर्ट के मुताबिक मंटू कुमार के सहयोगी हवलदार शकील अख्तर के खाते में 22 लाख 97 हजार रूपये, सिपाही जितेंद्र सिन्हा के खाते में 18 लाख 34 हजार रूपये, सिपाही देवधारी सिंह के खाते में 3 लाख 55 हजार रूपये, महिला सिपाही सुमित्रा देवी के खाते में 2 लाख 36 हजार रूपये, सिपाही संजीत सिंह के खाते में दो लाख रूपये और सिपाही सहदेव चौधरी के खाते में 1 लाख 24 हजार रूपये ट्रांसफर किये गये थे. ये सारा पैसा घोटाले का था.