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BIHAR: बच्चों से काम करवाने वाले हो जाए सावधान, पकड़े जाने पर 2 साल की सजा

बिहार में बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सरकार ने विशेष छापेमारी और जन-जागरूकता अभियान की घोषणा की है। ईंट-भट्टों से बच्चों को छुड़ाने के लिए कार्रवाई शुरू, मेलों और त्योहारों में चलेगा जनजागरूकता कार्यक्रम।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 21 Jul 2025 10:14:03 PM IST

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बाल श्रम अपराध - फ़ोटो GOOGLE

PATNA: बच्चों से यदि आप काम करवाते हैं तो यह खबर आपके लिए है..यदि ऐसा करते हैं तो दो साल की सजा होगी। बिहार को बाल श्रम की समस्या से मुक्त करने के लिए राज्यभर में गहन जन-जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। बिहार के प्रमुख पारंपरिक मेलों एवं त्योहारों जैसे सोनपुर मेला, श्रावणी मेला, छठ पर्व आदि में बाल अधिकार, बाल श्रम, बाल विवाह एवं शिक्षा जैसे विषयों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों के अंतर्गत नुक्कड़ नाटक, लोकगीत, झांकी, पोस्टर प्रदर्शनी जैसे रचनात्मक माध्यमों से संदेशों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।


राजधानी पटना के नियोजन भवन स्थित मंथन सभागार में सोमवार को बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार की अध्यक्षता में बाल श्रम उन्मूलन एवं पुनर्वास, बाल अधिकारों की रक्षा तथा जन-जागरूकता कार्यक्रमों को पंचायत स्तर तक विस्तारित किए जाने पर व्यापक चर्चा की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य बाल श्रम से जुड़े बच्चों को विमुक्त कराने के लिए सूचना बूथ, कला और शिल्प गतिविधियों, दृश्यों, व्यक्तिगत कहानियों, कार्यशालाओं का आयोजन और सोशल मीडिया पर प्रखंड स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाकर बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराने पर गहन विचार-विमर्श किया गया। 


बैठक में ईंट भट्ठों पर कार्यरत बाल श्रमिकों को विमुक्त कराने के लिए विशेष छापेमारी अभियान चलाने पर सहमति बनी। बैठक को संबोधित करते हुए बिहार राज्य बाल श्रम आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि बिहार में  बड़ी संख्या में बाल श्रम से जुड़े बच्चों को मुक्त कराया गया है और विभाग लगातार इस क्षेत्र में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन बाल मज़दूरी को बढ़ावा देते हैं। इसे ख़त्म करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ईंट भट्टों एवं कारखानों में काम कर रहे बच्चों को विशेष रूप से मुक्त किया जाएगा। इसके लिए राज्य में आयोजित होने वाले मेलों या अन्य आयोजनों के मौकों पर एक स्टॉल बाल श्रम के प्रति जागरूकता को लेकर लगाया जाए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही घरों के साथ वैसे अपार्टमेंट को भी चिन्हित किया जाए, जहां बाल श्रम करवाया जाता है। यहां से भी बच्चों को मुक्त कराया जाए। विभाग के अधिकारी विद्यालयों में जाकर बच्चों के अभिभावकों को श्रम विभाग की सभी योजनाओं को बताएं।


इस बैठक में आयोग की कई भावी योजनाओं पर भी चर्चा हुई। इस मौके पर बिहार राज्य बाल श्रम आयोग के उपाध्यक्ष अरविन्द कुमार सिंह के अलावा आयोग की सदस्य विधायक सुश्री श्रेयसी सिंह, रामविलास कामत (विधायक), विजय सिंह (विधान पार्षद), सदस्य अनिल कुमार (विधान पार्षद), रविन्द्र प्रसाद सिंह (विधान पार्षद), सुशील कुमार, शौकत अली के साथ राजेश भारती, श्रमायुक्त श्रम संसाधन विभाग के साथ सचिव, बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।