1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Wed, 31 Dec 2025 04:40:35 PM IST
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Bihar Transport News: बिहार में गाड़ियों के मैन्युअली फिटनेस टेस्ट पर पूर्णरूपेण रोक लगा दी गई है. अब किसी भी जिले में आरटीओ/एमवीआई मैन्यूअली फिटनेस टेस्ट कर सर्टिफिकेट जारी नहीं कर सकते. गाड़ियों का फिटनेस जांच केवल ऑटोमेटिक फिटनेस जांच केंद्रों के माध्यम से ही होंगे. नए साल यानि 1 जनवरी 2026 से यह प्रभावी होगा.
परिवहन मंत्रालय ने 26 दिसंबर को ही भेजा है पत्र
इस संबंध में सड़क परिवहन मंत्रालय ने 26 दिसंबर 2025 को बिहार के परिवहन सचिव को पत्र भेजकर यह जानकारी दी है. परिवहन सचिव को भेजे पत्र में सड़क परिवहन मंत्रालय ने 17 नवंबर, 2025 के पत्र का संदर्भ दिया है, जिसमें यह बताया गया है कि आरटीओ को मैन्युअल फिटनेस परीक्षण आयोजित करने और फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार नहीं होगा. 1 जनवरी 2026 से यह व्यवस्था लागू होगी.
पटना के दो एटीएस से सात जिलों को टैग किया गया
जिन जिलों में पहले से ही एटीएस संचालित हैं, वहां तो पहले से ही मैन्युअल फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने पर रोक है. जिन जिलों में एटीएस संचालित नहीं हैं, उन जिलों को पटना के दो स्वचालित फिटनेस जांच केंद्र, सासाराम,हाजीपुर और नालंदा के केंद्रों से टैग किया गया है. पटना के दो एटीएस पर अगल-बगल के सात जिलों को टैग किया गया है. वहीं वैशाली के ऑटोमेटेड फिटनेस जांच सेंटर से तीन जिलों को टैग किया गया है. जबकि औरंगाबाद और नालंदा के एटीएस से पांट-पांच जिलों को टैग किया गया है. मंत्रालय के पत्र में आगे कहा गया है कि यह भी निर्णय लिया गया है कि पड़ोसी राज्यों में एटीएस की उपलब्धता के आधार पर अन्य जिलों को टैग किया गया है.
फर्जीवाड़े के आरोप में तीन एटीएस हैं बंद
बता दें, बिहार में वैसे तो कुल आठ स्वचालित फिटनेस जांच केंद्र हैं. इनमें पटना में 3, भागलपुर, वैशाली,सासाराम, दरभंगा और नालंदा में 1-1 सेंटर हैं. लेकिन पटना के एक, भागलपुर और दरभंगा का एटीएस पर गंभीर आरोप लगे. आरोप है कि गाड़ियों की पहुंच के बिना ही फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए. इस आरोप में परिवहन मंत्रालय ने सूबे के तीन एटीएस को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है. इ तीनों एटीएस के माध्यम से गाड़ियों की जांच नहीं हो रही. परिवहन मंत्रालय में फर्जीवाड़ा करने वाले इन तीनों सेंटर्स की जांच कर आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.