Bihar Politics: ‘लोगों को बेवकूफ बनाकर वोट लेने आ रहे हैं’ राहुल गांधी के बिहार दौरे पर प्रशांत किशोर का हमला Bihar Politics: ‘लोगों को बेवकूफ बनाकर वोट लेने आ रहे हैं’ राहुल गांधी के बिहार दौरे पर प्रशांत किशोर का हमला दरभंगा में पुरानी कमला नदी पर 26.26 करोड़ की लागत से बनेगा गेटेड वीयर: सम्राट चौधरी मुंगेर के तारापुर में लगेगी 29.88 करोड़ की शिव प्रतिमा, बनेगा आधुनिक पार्क: सम्राट चौधरी Patna News: पटना के गांधी मैदान में आम लोगों की एंट्री हुई बैन, सरकार ने जारी किया आदेश; जानिए.. Patna News: पटना के गांधी मैदान में आम लोगों की एंट्री हुई बैन, सरकार ने जारी किया आदेश; जानिए.. Bihar Crime News: बिहार में पान का जर्दा नहीं देने पर दुकानदार की हत्या, कोर्ट ने दो दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा एक स्कूल ऐसा भी: बिहार के इस विद्यालय में होता है टेंट में पढ़ाई, भीषण गर्मी और बारिश में बच्चों को होती है भारी परेशानी Bihar Crime News: अवैध हथियार निर्माण के खिलाफ पुलिस कि बड़ी कार्रवाई, 6 मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा Bihar Crime News: अवैध हथियार निर्माण के खिलाफ पुलिस कि बड़ी कार्रवाई, 6 मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा
1st Bihar Published by: 9 Updated Sat, 20 Jul 2019 05:33:16 PM IST
- फ़ोटो
DESK: दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. बीमार शीला दीक्षित ने दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में अंतिम सांस ली. तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित का कांग्रेस से काफी करीबी का नाता रहा है. राजनीतिक तौर पर वो इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के काफी करीबीं थीं. बता दें कि शीला दीक्षित के ससुर उमा शंकर दीक्षित कांग्रेस के काफी कद्दावर नेता थे और इंदिरा गांधी के काफी करीबी थे. 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में जन्मी शीला दीक्षित ने 80 के दशक से अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. ससुर की शख्सियत के सहारे बनाया मुकाम शुरुआती दिनों में अपने ससुर उमा शंकर दीक्षित के नजदीक में अपनी राजनीतिक पारी शुरु करने वाली शीला दीक्षित बहुत जल्द ही कांग्रेस के वफादार नेताओं में शुमार होने लगी. साल 1969 में जब कांग्रेस ने इंदिरा गांधी को पार्टी से निकाल दिया था तो उमा शंकर दीक्षित ने इंदिरा गांधी का पूरा साथ दिया था. जब इंदिरा गांधी की सत्ता में वापसी हुई तो उमा शंकर दीक्षित को उनकी वफादारी का इनाम मिला और उनको देश का गृहमंत्री बनाया गया. उन दिनों इंदिरा गांधी के बड़े बेटे संजय गांधी कांग्रेस में युवा कार्यकर्ताओं को ज्यादा तरजीह देते थे. ऐसे में उनके लिए भी शीला दीक्षित एक बेहतर विकल्प बनकर उभरीं. गांधी परिवार के काफी करीब थीं शीला 80 के दशक में अपने पति की मौत के बाद शीला दीक्षित ने अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को बखूबी संभाला. 1984 के आम चुनावों में शीला दीक्षित यूपी के कन्नौज से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची. गांधी परिवार से उनकी कितनी नजदीकियां थी इसको बस इस बात से भी जाना जा सकता है कि जब वो अपनी मां इंदिरा गांधी की मौत की खबर सुनकर दिल्ली जा रहे थे तो उनके साथ प्रणब मुखर्जी के अलावा राजीव गांधी ही थे. बताया जाता है कि राजीव गांधी को पीएम बनाने की रणनीति शीला दीक्षित ने ही बनायी थी.