गया जी में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का रोड शो, डॉ. प्रेम कुमार के समर्थन में मांगा वोट Bihar Election 2025: 6 नवंबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयोग से की शिकायत Bihar Election 2025: 6 नवंबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयोग से की शिकायत Bihar Election 2025: बिहार वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, हथियार और गहनों के साथ 23 लाख कैश बरामद Bihar Election 2025: बिहार वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, हथियार और गहनों के साथ 23 लाख कैश बरामद Bihar Election 2025: मुजफ्फरपुर में चिराग पासवान की रैली में भारी हंगामा, देरी से पहुंचने पर लोगों ने किया बवाल, फेंकी कुर्सियां Bihar Election 2025: मुजफ्फरपुर में चिराग पासवान की रैली में भारी हंगामा, देरी से पहुंचने पर लोगों ने किया बवाल, फेंकी कुर्सियां Bihar Election 2025 : सवालों के घेरे में RJD कैंडिडेट लल्लू मुखिया ! ललन सिंह के रोड शो में जाना और JDU प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने पर युवक को दी गई तालिबानी सजा ...बेरहमी से की गई पिटाई Bihar Election 2025: बिहार में पोलिंग स्टाफ को मात्र इतने रुपए में मिलेगा मस्त भोजन; पूरी-सब्जी से लेकर सत्तू तक की व्यवस्था; देखिए.. रेट लिस्ट Bihar Election 2025: बिहार में पोलिंग स्टाफ को मात्र इतने रुपए में मिलेगा मस्त भोजन; पूरी-सब्जी से लेकर सत्तू तक की व्यवस्था; देखिए.. रेट लिस्ट
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 24 Jan 2023 09:09:38 AM IST
- फ़ोटो
DELHI: बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से नीतीश कुमार की सरकार लगातार फजीहत झेल रही है। राज्य में एक तरफ जहां जहरीली शराब पीने से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट भी शराबबंदी कानून को लेकर बिहार सरकार को फटकार लगाता रहा है।सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में शराबबंदी के मामलों की सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट के गठन के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने में हो रही देरी पर बिहार सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा है कि जब तक बुनियादी ढांचा नहीं बन जाता, तब तक के लिए सभी आरोपितों को जमानत क्यों न दे दी जाए?
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने कहा कि साल 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून को लागू किया गया लेकिन कई साल का समय बीत जाने के बावजूद राज्य सरकार ने विशेष अदालतों के गठन के लिए अबतक जमीन का आवंटन तक नहीं करा सकी है। सुनवाई के दौरान पीठ ने राज्य सरकार के वकील से पूछा कि जब तक बुनियादी ढांचे का निर्माण नहीं कर लिया जाता, तब तक के लिए मद्यनिषेध कानून में गिरफ्तार सभी आरोपितों को जमानत पर रिहा क्यों न कर दिया जाए? आप विशेष अदालत के गठन के लिए सरकारी भवनों को क्यों नहीं खाली करा लेते हैं?
बिहार में शराबबंदी कानून के कारण अदालतों पर पड़ रहे बोझ का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि शराबबंदी कानून के तहत 3.78 लाख से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन केवल 4,000 से अधिक का ही अबतक निस्तारण किया गया, जो एक बड़ी समस्या है। बिहार सरकार ने न्यायिक ढांचे और समाज पर इसके प्रभाव को देखे बिना ही कानून को पारित कर दिया। पीठ ने कहा कि जहां तक शराब के सेवन के लिए जुर्माना लगाने का प्रावधान है, यह ठीक है, लेकिन इसका संबंध कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा अभियुक्तों को सजा देने की शक्ति से है। पीठ ने बिहार सरकार के वकील को इस मुद्दे पर आवश्यक निर्देश प्राप्त करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।