BIHAR: आर्थिक तंगी और ग्रुप लोन के बोझ के चलते महिला ने उठा लिया बड़ा कदम, बेटे और बेटी के साथ गले में लगाया फंदा, मौके पर ही मां-बेटी की मौत BIHAR: बच्चों से काम करवाने वाले हो जाए सावधान, पकड़े जाने पर 2 साल की सजा BIHAR: बच्चों से काम करवाने वाले हो जाए सावधान, पकड़े जाने पर 2 साल की सजा देवरिया से सुल्तानगंज जा रहे कांवरियों की गाड़ी को टैंकर ने मारी टक्कर, दो की हालत गंभीर खगड़िया में बड़ा हादसा: नहाने के दौरान चार स्कूली बच्चे गहरे पानी में डूबे, रेस्क्यू जारी छपरा: गंगा में डूबने से 3 की मौत, सावन सोमवारी के दिन कलश विसर्जन के दौरान हादसा Bihar News: बिहार में ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत बनी 3968 किमी से अधिक सड़कें, 29 जिलों में शत-प्रतिशत काम पूरा Bihar News: बिहार में ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत बनी 3968 किमी से अधिक सड़कें, 29 जिलों में शत-प्रतिशत काम पूरा Bihar Politics: उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर उठाए सवाल, बोले- सरकार के खिलाफ मिल रही शिकायतें Bihar Politics: उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर उठाए सवाल, बोले- सरकार के खिलाफ मिल रही शिकायतें
1st Bihar Published by: Ranjan Kumar Updated Wed, 18 Mar 2020 02:41:42 PM IST
- फ़ोटो
SASARAM : कोरोना वायरस का प्रकोप अब धार्मिक स्थानों पर भी दिखने लगा है। सासाराम के प्रसिद्ध ताराचंडी देवी स्थान के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है तथा पूरे गर्भगृह को चारों तरफ से बैरिकेटिंग कर दी गई है। ताकि कोई भी व्यक्ति अंदर प्रवेश न कर सके। वहीं बाहर से ही दर्शन की व्यवस्था की गई है।
सालों भर श्रद्धालुओं से भरा रहने वाला सासाराम का अति प्राचीन ताराचंडी देवी स्थान आज वीरान पड़ा है। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी गई हैं।जो स्थानीय लोग हैं उनके लिए दूर से ही दर्शन की व्यवस्था की गई हैं। वहीं अन्य प्रांतों से बसों द्वारा आने वाले श्रद्धालुओं को पूरी तरह से रोक दिया गया है। मंदिर परिसर के बाहर से ही लोग पूजा अर्चना कर रहे हैं।
ताराचंडी धाम में श्रद्धालुओं में भारी कमी आयी है। वहीं पुजारियों की भी संख्या काफी कम है। इक्के-दुक्के पुजारी ही यहां दिख रहे हैं, और जो भी हैं जो अपने चेहरे को ढके हुए हैं। मंदिर कमेटी ने निर्णय लिया है कि मंदिर परिसर में भीड़ भाड़ इकट्ठा नहीं होने दिया जाए तथा पुजारियों और कर्मचारियों की भी संख्या घटा दी गई हैं। ताकि संक्रमण से बचा जा सके। इतना ही नहीं पूरे मंदिर परिसर के साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। जो भी पुजारी हैं, उन्हें बार-बार साबुन से हाथ धोने का निर्देश दिया गया है। यहां तक कि मंदिर के घंटे-घंटियां भी बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मुख्य घंटों-घंटियों को कपड़े से ढक दिया गया है। ताकि सामान्य लोग इसे आकर छू ना सके। मंदिर के पुजारी कहते हैं कि संक्रमण को रोकने के लिए इस तरह की व्यवस्था की गई। कोरोना वायरस के खौफ ने भगवान के दर पर भी पहरा लगा दिया है।