शराब पीने से मौत पर मुआवजे की घोषणा, पक्ष और विपक्षी दलों ने किया स्वागत, बीजेपी नेताओं ने कहा- भाजपा के दबाव के कारण लेना पड़ा फैसला

शराब पीने से मौत पर मुआवजे की घोषणा, पक्ष और विपक्षी दलों ने किया स्वागत, बीजेपी नेताओं ने कहा- भाजपा के दबाव के कारण लेना पड़ा फैसला

PATNA: पूर्वी चंपारण में अब तक 34 लोगों की मौत जहरीली शराब के पीने से हुई है। 34 लोगों की जान जाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुआवजे की घोषणा की है। जहरीली शराब पीकर मरने वाले हर व्यक्ति के परिजनों को मुआवजे के तौर पर 4-4 लाख रुपया दिया जाएगा। बिहार सरकार के इस फैसले का पक्ष और विपक्षी दलों ने स्वागत किया है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि भाजपा के दबाव के बाद नीतीश कुमार ने यह फैसला लिया है। बीजेपी तो बहुत दिन से यह बात कह रही थी कि शराब से जिस किसी की मौत हुई है उसके परिजनों से जाकर मीलिए और आश्रितों को मुआवजा दें। लेकिन नीतीश कुमार सिर्फ यही कह रहे थे कि जो पियेगा वो मरेगा। 


पूर्वी चंपारण में अब तक 34 लोगों की मौत जहरीली शराब के पीने से हुई है। 34 लोगों की जान जाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुआवजे की घोषणा की है। जहरीली शराब पीकर मरने वाले हर व्यक्ति के परिजनों को मुआवजे के तौर पर 4-4 लाख रुपया दिया जाएगा। 2016 से जिनकी मौत जहरीली शराब के पीने से हुई है उन सभी के परिजनों को सरकार अब मुआवजा देगी। इस बात की जानकारी बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने सोमवार को प्रेस को संबोधित करते हुए दी। इस प्रेस वार्ता में मद्य निषेध विभाग के अपर सचिव केके पाठक भी मौजूद थे। सरकारी की तरफ से मुख्य सचिव ने बताया कि जहरीली शराब से मरने वालों के परिवारों को सरकार आर्थिक अनुदान देने का फैसला लिया है। पीड़ित परिवारों को जिले के डीएम के पास आवेदन करना होगा। 


पीड़ित परिवारों को शराबबंदी कानून का समर्थन करना होगा। यह भरोसा भी देना होगा कि वे शराबबंदी के पक्ष में हैं और इसे लेकर वे अन्य लोगों को भी जागरूक करेंगे बतायेंगे की शराबी कितनी खराब चीज है। इस शराब के चक्कर में हमने अपनों को खो दिया है। पीड़ित परिजनों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट या मेडिकल ट्रिटमेंट रिपोर्ट आवेदन के साथ संलग्न करना होगा। 2016 के बाद जिस किसी की मौत जहरीली शराब से हुई है उनके परिजनों को मदद देने का फैसला नीतीश सरकार ने लिया है। मुख्यमंत्री ने आज ही इस बात ऐलान किया कि पीड़ित परिवारों को 4 लाख रुपये का आर्थिक अनुदान राशि दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस फैसले का सहयोगी दल आरजेडी ने स्वागत किया है। आरजेडी विधायक ऋषि कुमार ने कहा कि एक वक्त आता है कि इंसान को अपना फैसला बदलना होता है। यह जरूरी था क्योंकि जो लोग मर गए उनके परिजनों का क्या होगा? नीतीश कुमार का यह फैसला स्वागत योग्य है।


वही नीतीश कुमार के इस फैसले का स्वागत विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी किया है। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व बीजेपी विधायक नीरज कुमार बबलू ने जहरीली शराब पीकर मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देने के नीतीश के फैसले का स्वागत किया। कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी के दबाव में आकर जहरीली शराब पीकर मरने वाले लोगों को मुआवजा देने का ऐलान किया है। भारतीय जनता पार्टी इस फैसले का स्वागत करती है। हम लोग तो शुरुआत से ही जहरीली शराब पीकर मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की बात कर रहे थे। छपरा शराब कांड के वक्त भी बीजेपी के लोगों ने आवाज उठाया था। सरकार से यह मांग की थी कि पीड़ित परिजनों का अब क्या होगा। इनकी मदद बेहद जरूरी है। बीजेपी ने जब यह मांग उठाई तब आखिरकार नीतीश कुमार जी के कानों पर ज़ू रेंगा और उन्होंने इस तरह का फैसला लिया। देर से ही सही लेकिन यह फैसला लेकर सरकार ने पीड़ित परिवार को बड़ी राहत दी है। 


बीजेपी नेता जीवेश मिश्रा ने सरकार के इस फैसले पर कहा कि 2016 के बाद जितने लोग भी जहरीली शराब पीकर मरे हैं उसमें सरकार की नाकामयाबी झलकती है, इसलिए सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के दबाव में आकर ही यह फैसला लिया है। उस फैसले पर तुरंत पहल करें और मुआवजा देने का काम करें। जीवेश मिश्रा ने कहा कि बीजेपी शुरू से ही शराब से मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की बात कह रही थी। लेकिन नीतीश कुमार कहा करते थे कि जो पियेगा वो मरेगा। वे अपने जिद पर अड़े थे। जिन लोगों ने शराब पिया उन्होंने गलत किया लेकिन उनके मरने के बाद बच्चे अनाथ हो गए। परिवार में कमाने वाला चला गया। ऐसे में उनकी फैमिली को कितनी परेशानी झेलनी पड़ रही होगी यह कहा नहीं जा सकता है। पीड़ित परिवार को मुआवजा देने का प्रावधान जरूरी है। यह मांग बीजेपी के सभी नेता कर रहे थे लेकिन नीतीश कुमार उनकी बातों को अनसुना करते जा रहे थे। पूर्वी चंपारण में 34 लोगों की मौत जहरीली शराब के पीने से हुई इस घटना के बाद आखिरकार नीतीश कुमार को अपना फैसला बदलना पड़ा।