DESK : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब दिया. इस दौरान पीएम मोदी के निशाने पर कांग्रेस रही. मोदी ने कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगते हुए कहा कि परिवारवाद लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है. कांग्रेस की परेशानी ये है कि उन्होंने डायनेस्टी के आगे कुछ सोचा ही नहीं. जब टेलेंट पर परिवार हावी होता है, तो यह दिखाई देता है. कांग्रेस न होती, तो राजनीति परिवारवाद से मुक्त होती.
उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जिन्होंने देश में इमरजेंसी लगाई, वे लोकतंत्र पर चर्चा कर रहे हैं. इमरजेंसी में लोकतंत्र का गला घोंटा गया. PM ने कहा, 'अगर कांग्रेस न होती, तो देश पर इमरजेंसी का कलंक न लगता. कांग्रेस न होती, तो जातिवाद की खाई न होती. कांग्रेस न होती, तो सिखों का नरसंहार न होता.' मोदी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच पर अर्बन नक्सलियों ने कब्जा कर लिया है.
पीएम मोदी ने संसद में कहा कि अगर महात्मा गांधी की इच्छानुसार कांग्रेस न होती तो दशकों तक करप्शन को संस्थागत न बनाकर रखा होता, जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी नहीं होती, अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता, सालों-साल पंजाब आतंक की आग में न जलता, कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत न आती, बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं न होती, देश के सामान्य आदमी को मूल सुविधाओं के लिए इतने साल इंतजार न करना होता.
पीएम मोदी ने गोवा का उदाहरण देते हुए कांग्रेस को घेरा. मोदी ने कहा, ''सरदार पटेल से प्रेरणा लेकर गोवा के लिए रणनीति बनाई गई होती तो भारत की आजादी के 15 साल तक गोवा को गुलामी की जंजीरों में न रहना पड़ता. नेहरू अपनी छवि को लेकर चिंतित थे, और गोवा में जब सत्याग्रहियों पर गोलियां चल रही थीं, तब हमारे देश के प्रधानमंत्री ने कहा था कि मैं सेना नहीं भेजूंगा. गोवा के साथ कांग्रेस ने ये जुल्म किया.'' पीएम मोदी ने नेहरू के 15 अगस्त के भाषण का भी जिक्र किया.