ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025 : जदयू विधायक दामोदर रावत का ग्रामीणों से विरोध, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल; जानिए क्या है पूरा मामला Chhath puja : पीएम मोदी ने मन की बात में दी छठ महापर्व की शुभकामनाएं, कहा - घर घर बन रहे ठेकुआ, सज रहे घाट Bihar Election 2025 : बीयर लेकर बिहार आए यूपी के पूर्व विधायक धनंजय कन्नौजिया गिरफ्तार, बीजेपी चुनाव प्रचार मामला, कोर्ट ने भेजा जेल Bihar BJP leader : पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद डॉ. संजय जयसवाल से 10 करोड़ की रंगदारी, बेटे को जान से मारने की धमकी central government employees: केंद्रीय कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीमा बढ़ी, इन लोगों पर नहीं लागू होंगे नियम “अक्षरा सिंह ने खेसारी लाल यादव पर बोला हमला, कहा - वो तो खुलेमाम मेरा ...,ज्योति सिंह को दिया खुला समर्थन” Bihar news: अस्पताल में बेड से गिरने से घायल युवक की दर्दनाक मौत, स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही सवालों के घेरे में... बिहार चुनाव को लेकर तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान: पंचायत प्रतिनिधियों को पेंशन, राशन डीलरों को मानदेय और कारीगरों को ब्याजमुक्त ऋण देने का किया वादा Bihar election: मंच टूटने की घटना: मोकामा में पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह धड़ाम से गिरे, जनसभा में अफरा-तफरी बिहार चुनाव से राहुल गांधी ने क्यों बनाई दूरी? कांग्रेस के कैंडिडेट भी हो रहे हैरान; जानिए क्या है वजह

सांसद ने लोकसभा में भी उठाया मुद्दा, फिर भी खाद के लिए परेशान हैं औरंगाबाद के किसान

1st Bihar Published by: AKASH KUMAR Updated Wed, 15 Dec 2021 08:29:58 AM IST

सांसद ने लोकसभा में भी उठाया मुद्दा, फिर भी खाद के लिए परेशान हैं औरंगाबाद के किसान

- फ़ोटो

AURANGABAD : रबी की खेती के लिए किसानों को खाद की जरुरत है। इधर बाजार में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं है। नतीजतन किसान कालाबाजारी में 1200 के बदले 1800 रूपये प्रति बोरी के महंगे दाम पर खाद खरीदने को मजबूर हो रहे है। उंची कीमत पर खाद खरीदने से बचने के लिए जब किसान सहकारी संस्थाओं के उर्वरक बिक्री केंद्र पर पहुंच रहे है, तो यहां भी उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। 


पहली परेशानी तो मांग ज्यादा और उपलब्धता कम होने के कारण उर्वरक बिक्री केंद्रों पर भीड़ का लगना। फिर भीड़ में लंबी कतार में घंटो खड़ा रहना। यह सब सहते हुए घंटों कतार में लग कर किसान जब काउंटर तक पहुंच जाते है तो स्टॉक खत्म हो जाता है। ऐसे में फिर अगले दिन आना और घंटो लाइन लगाना तब जाकर खाद पाना, इन दिनो किसानों के लिए यह रोजमर्रा बन गया है। 


पहले जहां किसानो को सहजता से खाद मिल जाता था। वहीं अब किसानों को खाद खरीदने के लिए खुद के किसान होने का प्रमाण तक देना पड़ रहा है। हालांकि सांसद सुशील कुमार सिंह ने किसानों को खाद उपलब्ध कराने के लिए भरपूर प्रयास किया है। लोकसभा में भी सवाल उठाया है, जो सराहनीय है, पर अबतक उनके प्रयास पूरे परवान नही चढ़ पाए है। 


इधर कृषि विभाग के अधिकारी भी किसानों को निर्धारित सरकारी दर पर खाद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे है। नियंत्रित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराने के लिए वे उर्वरक बिक्री की दुकानों का भी निरीक्षण कर दुकानदारों को सख्त हिदायत भी दे रहे है। इन सबके बावजूद खाद किसानो को सही तरीके से नही मिल रहा है। नतीजा किसान अब भी परेशान है।