ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR NEWS : मां के सोते ही BA की छात्रा ने उठाया खौफनाक कदम, अब पुलिस कर रही जांच BIHAR CRIME : नशे में धुत बेटे ने पिता पर किया हमला, चाकू छीनकर पिता ने कर दी बेटे की हत्या BIHAR STET EXAM : जानिए बिहार STET एग्जाम का पैटर्न, 5 घंटे में पूछे जाएंगे 300 सवाल; गलत जवाब पर भी नहीं कटेंगे जवाब Asia Cup 2025: सूर्या की कप्तानी में आज दिखेगा भारत का दम-खम, इस एप पर देखें इंडिया और UAE का लाइव मुकाबला Bihar Government Scheme: सावधान ! महिला रोजगार योजना के नाम पर हो रहा बड़ा खेल, आपको भी आ रहा ऐसा लिंक तो ठहर जाए Bihar Train News: बिहार के स्टेशनों को मिली बड़ी राहत, रेलवे ने कई प्रमुख ट्रेनों के ठहराव को दी मंजूरी टी सी एच एदुसर्व 16 सितम्बर से नया बैच शुरू, 100% फीस माफी की सुविधा Bihar News: फ्री फायर गेम खेल रहा किशोर को अपराधियों ने मारी गोली, पुलिस कर रही छापेमारी Bihar News: डीईओ साहब....संग्रामपुर ही नहीं तुरकौलिया ब्लॉक के 20 स्कूलों में भी बिना काम के 1 करोड़ की हुई निकासी ! प्रधानाध्यापक ही भ्रष्ट सिस्टम की खोल रहे पोल, जांच करायेंगे ? IAS Transfer: बिहार में कई IAS अधिकारियों का तबादला, हटाए गए उत्पाद आयुक्त; देखें पूरी लिस्ट

सांसद ने लोकसभा में भी उठाया मुद्दा, फिर भी खाद के लिए परेशान हैं औरंगाबाद के किसान

1st Bihar Published by: AKASH KUMAR Updated Wed, 15 Dec 2021 08:29:58 AM IST

सांसद ने लोकसभा में भी उठाया मुद्दा, फिर भी खाद के लिए परेशान हैं औरंगाबाद के किसान

- फ़ोटो

AURANGABAD : रबी की खेती के लिए किसानों को खाद की जरुरत है। इधर बाजार में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं है। नतीजतन किसान कालाबाजारी में 1200 के बदले 1800 रूपये प्रति बोरी के महंगे दाम पर खाद खरीदने को मजबूर हो रहे है। उंची कीमत पर खाद खरीदने से बचने के लिए जब किसान सहकारी संस्थाओं के उर्वरक बिक्री केंद्र पर पहुंच रहे है, तो यहां भी उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। 


पहली परेशानी तो मांग ज्यादा और उपलब्धता कम होने के कारण उर्वरक बिक्री केंद्रों पर भीड़ का लगना। फिर भीड़ में लंबी कतार में घंटो खड़ा रहना। यह सब सहते हुए घंटों कतार में लग कर किसान जब काउंटर तक पहुंच जाते है तो स्टॉक खत्म हो जाता है। ऐसे में फिर अगले दिन आना और घंटो लाइन लगाना तब जाकर खाद पाना, इन दिनो किसानों के लिए यह रोजमर्रा बन गया है। 


पहले जहां किसानो को सहजता से खाद मिल जाता था। वहीं अब किसानों को खाद खरीदने के लिए खुद के किसान होने का प्रमाण तक देना पड़ रहा है। हालांकि सांसद सुशील कुमार सिंह ने किसानों को खाद उपलब्ध कराने के लिए भरपूर प्रयास किया है। लोकसभा में भी सवाल उठाया है, जो सराहनीय है, पर अबतक उनके प्रयास पूरे परवान नही चढ़ पाए है। 


इधर कृषि विभाग के अधिकारी भी किसानों को निर्धारित सरकारी दर पर खाद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे है। नियंत्रित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराने के लिए वे उर्वरक बिक्री की दुकानों का भी निरीक्षण कर दुकानदारों को सख्त हिदायत भी दे रहे है। इन सबके बावजूद खाद किसानो को सही तरीके से नही मिल रहा है। नतीजा किसान अब भी परेशान है।