SAMASTIPUR : बड़ी खबर समस्तीपुर से आ रही है जहां 3 मार्च को पटोरी अनुमंडल अस्पताल के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में भर्ती एक 42 वर्षीय संदिग्ध की मौत के बाद उसकी ली गई कोरोना जांच की सेम्पल रिपोर्ट निगेटिव आई है।इसकी पुष्टि समस्तीपुर के सिविल सर्जन ने करते हुए बताया कि पहले से ही उसकी बीमारी के लक्षण टीबी से मिलते जुलते थे लेकिन दिल्ली से आने की हिस्ट्री के आधार पर उसे कोरोना आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था।
लेकिन अब इस मामले को लेकर लापरवाही यह सामने आ रही है कि जब उस मरीज को 28 मार्च को ही कोरोना आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया गया तो फिर उसकी जांच क्यों नही कराई गई बल्कि उसके परिजनों से उसे दूर कर अकेला छोड़ दिया गया।टीबी की बीमारी तो लाइलाज नहीं थी फिर मौत कैसे हुई?क्या उसका सही इलाज नहीं हुआ।निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भले स्वास्थ्य महकमा और जिला प्रशासन राहत महसूस कर रहा हो लेकिन प्रशासनिक लापरवाही को लेकर अब कई तरह के सवाल उठने लाजिमी है।
गौरतलब है कि मृतक समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर थाना इलाके का रहने वाला था जो दिल्ली में रहकर मजदूरी करता था।विगत 14 मार्च को वह दिल्ली से ट्रेन से वापस घर लौटा था तब से उसकी तबियत खराब रहने लगी।सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण दिखने के बाद उसके परिजनों ने उसे पहले गांव के ही पीएचसी में दिखाया जहां काफी दिन तक सुधार नही होने पर पटोरी अनुमंडलीय अस्पताल में दिखाया गया।वहां के डॉक्टर ने इसे प्रारम्भिक तौर पर कोरोना के लक्षण देखकर उसे अस्पताल के नजदीक ही एएनएम स्कूल बिल्डिंग में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में भर्ती कर दिया।लेकिन लापरवाही यह बरती गई कि उसके कॅरोना जांच के लिए कोई सेम्पल ही नही लिया गया और न ही खासतौर से कोई मुकम्मल इलाज की ही व्यवस्था की गई।
तीन अप्रैल को दिन में उसके मौत की खबर जब सामने आई तब स्वास्थ्य महकमे में हड़कम्प मच गया।आननफानन में उसके डेडबॉडी से सेम्पल लेकर जांच के लिए पटना भेजा गया। मृतक के डेडबॉडी को प्रिजर्व करते हुए उसके परिजन और पड़ोस के कुल 18 लोगों को भी सावधानी के तौर पर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया था।अब रिपोर्ट आने के बाद डेडबॉडी को पोस्टमार्टम कर उसके परिजनों को सौंपने के आदेश दे दिए गए हैं।