PATNA : बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली पूरी तामझाम के साथ पूरी हो चुकी है।अमित शाह ने भाषण के दौरान कहा कि ये कोई चुनावी रैली नहीं है बल्कि लोगों से जुड़ने का एक माध्यम हैं लेकिन मंच से खूब राजनीतिक बातें हुई। अमित शाह ने विपक्ष की थाली पॉलिटिक्स पर भी तंज कसे और लालू राज बनाम नीतीश राज की परिभाषा भी गढ़ी।
अमित शाह ने मंच से लालू राज बनाम नीतीश राज की तुलना करते हुए कहा कि बिहार आज 'लालटेन युग से एलईडी' युग में पहुंच चुका है। फिर उन्होनें कहा आज बिहार में 'लूट एंड आर्डर' की जगह लॉ एंड आर्डर कायम हो गया है। शाह बोले बिहार में 'जंगलराज' की जगह अब 'जनता राज' आ गया है। वहीं बिहार 'बाहुबल' से विकास की तJh बढ़ चला है। अंत में उन्होनें कहा कि 'चारा घोटाले' से डीबीटी ( डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ) तक पहुंच चुका है।
लालू राज और नीतीश राज की तुलना में इन पांच बातों के जरिए अमित शाह ने विपक्ष पर तमाम तरह के तोहमत जड़ दिए। उन्होनें नीतीश कुमार और सुशील मोदी की जोड़ी की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि बिहार को इन्होनें जंगल राज से बाहर निकाल कर जनता राज कायम किया है। अमित शाह ने आरजेडी के चुनाव चिन्ह लालटेन पर निशाना साधते हुए कहा कि अब 2.5 करोड़ लोगों के घरों में बिजली आई है। पहले लोगों को लालटेन से काम चलाना पड़ता था, अब लालटेन का जमाना गया।
अमित शाह ने तेजस्वी का नाम लिए बगैर उन के दिल्ली प्रवास पर तंज कसा और कहा कि कुछ लोगों को दिल्ली में मौज मस्ती करने से फुर्सत नहीं है। लेकिन फिर भी राजनीति के लिए वह सामने आ जाते हैं।उन्होनें इशारों मे कहा कि कुछ लोग दिल्ली में बैठ कर केवल पॉलिटिक्स करते रहे लेकिन लोगों से कोई संपर्क साधने की कोशिश नहीं की। लेकिन आज सवाल जरूर खड़े कर रहे हैं। ऐसे वक्रदृष्टा लोगों से बचने की जरूरत है।
इससे पहले सुशील मोदी ने कहा कि लालू यादव ने जिस तरह बिहार में जंगलराज स्थापित किया और भ्रष्टाचार की पूरी कहानी लिखी वह जनता कभी नहीं भूल सकती। उसे मोदी ने कहा कि गरीबों की जमीन और संपत्ति हड़प लेना लालू यादव का सबसे मुख्य काम था।
मोदी ने कहा कि हमारे लाखों श्रमिक भाई दूसरे राज्यों में फंसे थे, विपक्ष 300 ट्रेन और 3 हजार बस देने का नाटक कर रहा था, लेकिन केंद्र सरकार ने ट्रेन चलाकर मुफ्त में लाखों मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाया। इसी तरह से कोटा में फंसे छात्रों का वापस बिहार लाया गया है। क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले प्रवासी मजदूरों को एक हजार रुपए का किट दिया जा रहा है। उनके घर जाने के दौरान भी उनको एक हजार रुपए दिया जाएगा।