ब्रेकिंग न्यूज़

ISM पटना में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 'सस्टेनोवेट 2025' का भव्य शुभारंभ, देश-विदेश से जुटे शोधकर्ता दृष्टिपुंज आई हॉस्पिटल में कंटूरा विज़न लेसिक की बड़ी उपलब्धि: 300 सफल ऑपरेशन पूरे Bihar Crime News: अदालत में सबूत पेश नहीं कर सकी बिहार पुलिस, कोर्ट ने SHO समेत 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जारी कर दिया अरेस्ट वारंट Bihar Crime News: अदालत में सबूत पेश नहीं कर सकी बिहार पुलिस, कोर्ट ने SHO समेत 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जारी कर दिया अरेस्ट वारंट अरवल में करंट लगने से युवक की मौत, जर्जर तार बना हादसे की वजह, बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप Bihar Politics: बाल-बाल बचे सांसद पप्पू यादव, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के दौरान हुआ हादसा Bihar Politics: ‘लालू परिवार बिहार की बर्बादी का जिम्मेदार’ युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी पर बड़ा हमला Bihar Politics: ‘लालू परिवार बिहार की बर्बादी का जिम्मेदार’ युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी पर बड़ा हमला Bihar News: बिहार में यहां एक ही घर से निकले 60 किंग कोबरा, परिवार ने त्यागा मकान; गाँव वालों ने बदला रास्ता BIHAR NEWS:चोरी के शक में युवक की बेरहमी से पिटाई, भीड़ ने चप्पल पर चटवाया थूक

RT-PCR की तरह ही होगा मंकीपॉक्स का भी टेस्ट, 50 मिनट में मिलेगा रिपोर्ट

1st Bihar Published by: Updated Tue, 26 Jul 2022 09:22:12 PM IST

RT-PCR की तरह ही होगा मंकीपॉक्स का भी टेस्ट, 50 मिनट में मिलेगा रिपोर्ट

- फ़ोटो

DESK: मंकीपॉक्स का 4 मामला अभी तक देश में सामने आया हैं। केरल में 3 और दिल्ली में 1 मामले आने के बाद पटना में भी मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध केस सामने आया है। पटना सिटी के गुरहट्टा में रहने वाली महिला का सैंपल लिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही यह क्लीयर हो पाएगा की मंकीपॉक्स वायरस है या नहीं। यह वायरस अब तक 77 देशों में फैल चुका है। इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए डब्लूएचओ ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है।


 वही अब इसके जांच को लेकर सवाल उठने लगे हैं। लोगों भी जानना चाहते है कि इसकी जांच कैसे की जाएगी। तो अब उनके सवालों का जवाब भी सामने आ गया है। भारत की Genes2Me कंपनी ने एक ऐसा RT-PCR टेस्ट तैयार किया है जिसकी मदद से 50 मिनट के अंदर सटीक रिजल्ट मिल सकेगा। इससे यह पता चल पाएगा कि व्यक्ति मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित है या नहीं। 


आईसीएमआर से जब तक हरी झंडी नहीं मिल जाती तब तक इसे मार्केट में नहीं उतारा जा सकता। इस किट का उपयोग अस्पताल, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर जांच के दौरान किया जा सकता है। अभी यह टेस्ट मार्केट में नहीं आया है सिर्फ रिसर्च के लिए ही इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।