RJD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने पार्टी छोड़ी: लालू को कहा-आपने हाफ़ पैंट वाले संघी को पैराशूट से चुनाव में उतारा

RJD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने पार्टी छोड़ी: लालू को कहा-आपने हाफ़ पैंट वाले संघी को पैराशूट से चुनाव में उतारा

PATNA: आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव ने पार्टी छोड़ दी है. देवेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि लालू प्रसाद यादव की कोई नीति नहीं रह गयी है. उनकी नियत भी ठीक नहीं है. तभी महागठबंधन ने बिहार में आरएसएस के लोगों को भी बुलाकर चुनाव मैदान में उतार दिया है. देवेंद्र प्रसाद यादव ने झंझारपुर लोकसभा सीट पर टिकट बेचने का आरोप लगाया है. बता दें कि वे इस सीट से पाँच दफ़े सांसद रह चुके है. 


देवेंद्र प्रसाद यादव ने आज लालू यादव को अपना इस्तीफ़ा भेजा. उन्होंने लिखा है- राजद में जो राजनीति चल पड़ी है केवल 'राज' के लिये नीति जबकि राज और नीति दोनों का सामंजस्य होना लाजमी था. मैं ऐसा महसूस करने लगा हूँ कि इस तरह की राजनीति से नीति पूरी तरह नदारत हो चली है यानि सिद्धान्त के बिना राजनीति मतलब आत्मा के बिना मात्रा शरीर. 


कैसे-कैसे उम्मीदवार उतारे?

देवेंद्र प्रसाद यादव ने महागठबंधन में टिकट वितरण पर कड़ा एतराज़ जताया है. उन्होंने कहा है कि अगर किसी भी समाजवादी विचारधारा वाले कार्यकत्ता को पार्टी या महागठबंधन के तहत झंझारपुर का या दूसरे आधे दर्जन जगहों पर उम्मीदवार नहीं बनाया गया है. महागठबंधन में जैसे उम्मीदवारों का आयात किया गया है उनकी जगह पार्टी के मान्य विचारधारा वाले पार्टी के र्कमठ कार्यकत्ता या समर्पित नेता को पार्टी का टिकट दिया जाता तो मुझे कोई शिकवा-शिकायत नहीं हो सकती थी. 


देवेंद्र प्रसाद यादव ने कहा है कि सांम्प्रदायिक शक्ति के पोषक दलों से पैराशूट से एक दिन में उतारकर उम्मीदवार बनाने की जो कार्य संस्कृति पनप गई है उसे पूरी तरह घुटन महसूस कर रहा हूँ और आश्चर्यचकित भी हूँ. मेरी अंतरात्मा कह रही है कि अब राजद में एक पल भी बना रहना असहज सा हो गया है. सांम्प्रदायिक शक्तियों के पोषक दलों के हाथ में मेरे द्वारा पांच बार सींचे गऐ समाजवादी धरती झंझारपुर को निलाम किया जा रहा है. मैं अपने ऐतिहासिक कर्म भूमि और जन्म भूमि झंझारपुर की समाजवादी धरती के साथ छल नहीं कर सकता. 


देवेंद्र प्रसाद यादव ने लालू यादव को लिखे पत्र में कहा है कि समाजवादी आन्दोलन को पुनःजीवित करने साथ ही राजनीति में राज और नीति दोनों का सामंजस्य बनाने के लिए वे राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद के साथ साथ केन्द्रीय संसदीय बोर्ड की सदस्यता और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से स्वेच्छा से त्याग-पत्र दे रहे हैं.