PATNA: लोकसभा चुनाव से पहले आरजेडी को एक और बड़ा झटका लगा है। पिछले दिनों अपने इस्तीफे का एलान करने के बाद आरजेडी के पूर्व सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) का दामन थाम लिया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने संयुक्त रूप से उन्हें जेडीयू की सदस्यता दिलाई।
दरअसल, शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल भागलपुर से आरजेडी के पूर्व सांसद रहे हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में भागलपुर की सीट कांग्रेस के खाते में गई है। कांग्रेस ने इस सीट से अजीत शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। पूर्व सांसद बुलो मंडल को पूरी उम्मीद थी कि इस बार भी उन्हे इस सीट से उम्मीदवार बनाया जाएगा लेकिन यह सीट कांग्रेस के पास जाने से उनका पत्ता कट गया था। लोकसभा का टिकट कटने से वे नाराज चल रहे थे।
टिकट नहीं मिलने से नाराज बुलो मंडल ने 17 अप्रैल आरजेडी से इस्तीफा दे दिया था। आरजेडी छोड़ने के दूसरे ही दिन 18 अप्रैल को सीएम नीतीश की मौजूदगी में वह जेडीयू में शामिल हो गए। जेडीयू में शामिल होने के बाद बुलो मंडल ने कहा कि पार्टी छोड़ने के बाद जैसे तमाम नेता बोलते हैं मैं वैसा नहीं बोलूंगा। उन्होंने कहा कि मेरा संस्कार उल्टा पुल्टा बोलने का नहीं है। राजद छोड़ने की बड़ी वजह रही कि जो पुरानी राजद थी लालू यादव की अब वो राजद नही रही।
उन्होंने कहा कि आरजेडी में आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो चुका है। समाज से जुड़े हैं लोगों से जुड़े हैं तो उनके लिए काम करना है। जो दल काम करने के लिए पब्लिक की बात सोचेगी उसके साथ हूं। मेरी जरूरत राजद में समाप्त हो चुकी थी। जदयू में काम करने वाली टीम है, इसलिए तमाम चीजों को देखते हुए जदयू जॉइन किया है। अप पार्टी में जो भी दायित्व मिलेगा उसे बखूबी निभाउंगा।
बुलो मंडल का जेडीयू में स्वागत करते हुए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि बुलो मंडल अतिपिछड़ा समाज से आते हैं, हृदय से उनका जदयू में स्वागत करता हूं। भागलपुर से हमारा नाता रहा है और व्यक्तिगत तौर पर बुलो मंडल को जनता हूं, इन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया है। राजद की सोच कभी अतिपिछड़ा वर्ग के प्रति नही रही। नीतीश कुमार न्याय के साथ विकास कर रहे हैं। बुलो मंडल के आने से जदयू पूर्णिया भागलपुर और सीमांचल के क्षेत्र में मजबूत होगी।