DESK : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के बाद रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. आरबीआई के इस फैसले के बाद होम लोन से लेकर पर्सनल लोन तक की ईएमआई (EMI) में बढ़ोतरी होगी. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया आज मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इससे पहले 4 मई और 8 जून 2022 को आरबीआई ने रेपो रेट में कुल 90 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि दुनिया भर में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है. भारत में महंगाई की ऊंची दरों का सामना करना पड़ रहा है. वित्तीय बाजार भी अस्थिर हैं. मौद्रिक नीति समिति ने मुद्रास्फीति पर काबू के लिए नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने की जरूरत है. वैश्विक और घरेलू परिदृश्यों को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति ने बेंचमार्क रेट में बढ़ोतरी का फैसला किया है. उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाते मंदी का जोखिम जताया है.
आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के फैसले के बाद हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों से लेकर बैंक कर्ज महंगा करेंगी और महंगे कर्ज का सबसे बड़ा खामियाजा उन लोगों को उठाना पड़ेगा, जिन्होंने हाल के दिनों में बैंक या हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों से होम लोन लेकर अपना घर खरीदा है. आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है जो कि अब 5.40 फीसदी हो गया है. बीते तीन महीने में आरबीआई ने 1.40 फीसदी कर्ज मंहगा कर दिया है.