DESK : राजीव गांधी हत्याकांड पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला दिया है। अदालत ने सभी 6 दोषियों की रिहाई का आदेश दिया है। इनमें नलिनी श्रीहर, रॉबर्ट पेस, रविचंद्रन, राजा, श्रीहरन और जयकुमार शामिल है। ये सभी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि तमिलनाडु सरकार ने पहले राज्यपाल को उनकी रिहाई की सिफारिश की थी। मालूम हो कि, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मई के महीने में इस मामले में एक और दोषी पेरारीवलन को रिहा करने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि एस. नलिनी, जयकुमार, आरपी रविचंद्रन, रॉबर्ट पियास, सुथेंद्रराजा और श्रीहरन का जेल में आचरण अच्छा पाया गया और उन सभी ने जेल में रहने के दौरान विभिन्न डिग्रियां भी हासिल की थीं। जिसके बाद अब कोर्ट ने इनकी रिहाई का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तमिलनाडु कैबिनेट ने 9 सितंबर, 2018 को उनकी रिहाई की सिफारिश की थी और यह राय राज्यपाल के लिए बाध्यकारी होगी, जिनके समक्ष दोषियों ने माफी याचिका दायर की थी।
मालूम हो कि, इससे पहले देश के युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जब हत्या की गई थी तो उनकी पत्नी सोनिया गांधी गर्भवती थी। उसकी प्रेग्नेंसी को दो महीने हो गए थे। उसी दौरान सोनिया गांधी ने इस मामले में दोषी नलिनी श्रीहर को माफ कर दिया था। उन्होंने कहा था कि नलिनी की गलती की सजा एक मासूम बच्चे को कैसे मिल सकती है, जो अब तक दुनिया में आया ही नहीं है।
गौरतलब हो कि, राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान धनु नाम की एक लिट्टे आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी। लिट्टे की महिला आतंकी धनु (तेनमोजि राजरत्नम) ने राजीव को फूलों का हार पहनाने के बाद उनके पैर छूए और झुकते हुए कमर पर बंधे विस्फोटकों में ब्लास्ट कर दिया। धमाका इतना जबर्दस्त था कि कई लोगों के चीथड़े उड़ गए। राजीव और हमलावर धनु समेत 16 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 45 लोग गंभीर रूप से घायल हुए।