DESK : कांग्रेस सरकार सरकारी कर्मचारियों को खुश कर रही है. राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने का फैसला लिया गया है. छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस शासित प्रदेशों में पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने का ऐलान निश्चित तौर पर वोटरों को लुभाने के लिए किया हैं.
हालांकि, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के ऐलान के बाद अब भाजपा शासित प्रदेश भी दबाव में आ गए हैं. इन राज्यों में भी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने की मांग करने लगे हैं. बिहार में भी बजट सत्र के दौरान यह मुद्दा उठा है. राजद विधायक आलोक कुमार मेहता ने सोमवार को विधानसभा में अल्पसूचित प्रश्न में जानना चाहा था कि राजस्थान की तर्ज पर क्यों नहीं बिहार में भी पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जा सकती है. लेकिन उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने साफ कह दिया कि बिहार में पुरानी पेंशन नीति लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. केंद्र सरकार की तर्ज पर न्यू पेंशन स्कीम कर्मियों को दी जा रही है. सरकार के संज्ञान में अभी देश के किसी भी राज्य में पुरानी पेंशन नीति लागू नहीं है.
बताते चलें कि आज बुधवार को बजट के दौरान छत्तीसगढ़ की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने का फैसला लिया गया है. साल 2022-23 के राज्य बजट में एक जनवरी 2004 और इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना (एनपीएस) के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की गई है.
इसी के साथ राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ दूसरा राज्य बन गया है, जिसने पुरानी पेंशन योजना लागू करने का ऐलान किया है. इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 23 फरवरी को अपने चौथे बजट को पेश करते हुए ऐलान किया था कि राज्य की कांग्रेस सरकार एनपीएस को छोड़कर अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू कर देगी.