RANCHI: 'मोदी सरनेम' को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के तरफ से जो बयान दिए गए उसे लेकर आज रांची हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई। रांची हाईकोर्ट से राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। अब उन्हें पेशी के लिए कोर्ट में नहीं आना पड़ेगा। कोर्ट में सशरीर पेश होने से छूट मिली है। इस दौरान उनके अधिवक्ता रांची के MP-MLA कोर्ट में हाजिर होंगे। निचली अदालत के आदेश को लेकर क्वैशिंग पेटीशन दाखिल किया गया था। मोदी सरनेम टिप्पणी मामले में MP-MLA कोर्ट ने उन्हें सशरीर कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया था।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सशरीर उपस्थिति होने के MP-MLA कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को रांची हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका स्वीकार करते हुए उन्हें निचली अदालत में सशरीर हाजिर होने से छूट दे दी है। ऐसे में रांची हाईकोर्ट के इस आदेश से राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है।
बता दें कि राहुल गांधी को अब रांची सिविल कोर्ट में सशरीर उपस्थित नहीं होना पड़ेगा। राहुल गांधी की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता पीयूष चित्रेश और दीपांकर रॉय ने पक्ष रखा। जिसके बाद कोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ी राहत दी है। गौरतलब है कि रांची निवासी प्रदीप मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मोदी सरनेम पर टिप्पणी को लेकर मानहानि का केस किया था। जिस पर रांची एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई चल रही है। राहुल गांधी ने सशरीर पेशी से छूट मांगी थी। आज रांची हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ी राहत दी है।
बता दें कि राहुल गांधी पर रांची निवासी प्रदीप मोदी ने वर्ष 2019 में दिए उस बयान को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें राहुल ने कहा था कि मोदी सरनेम वाले सभी चोर होते हैं। शिकायतकर्ता का आरोप है राहुल गांधी ने पूरे मोदी समुदाय का अपमान किया है। कांग्रेस नेता पर इसी से मिलते जुलते कई मामलों में देशभर में 12 से अधिक केस दर्ज हैं। मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान का है. रांची के मोरहाबादी मैदान में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के दौरान राहुल गांधी ने नरेन्द्र मोदी, नीरव मोदी और ललित मोदी का जिक्र करते हुए कहा था कि ‘सारे मोदी सरनेम वाले चोर हैं। इसे लेकर अधिवक्ता प्रदीप मोदी ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी के टिप्पणी से पूरा मोदी समाज आहत है, इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।