पूर्णिया सीट पर अड़े पप्पू यादव ने फिर कहा..आत्महत्या करना मंजूर है लेकिन पूर्णिया छोड़ना मंजूर नहीं

पूर्णिया सीट पर अड़े पप्पू यादव ने फिर कहा..आत्महत्या करना मंजूर है लेकिन पूर्णिया छोड़ना मंजूर नहीं

PATNA: लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है लेकिन अभी तक महागठबंधन में उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं हो पाई है। 29 मार्च यानि कल आरजेडी प्रदेश कार्यालय में महागठबंधन की पीसी बुलाई गयी है। उम्मीद जतायी जा रही है कि कल सीटों और उम्मीदवारों की घोषणा हो जाएगा। इस प्रेस वार्ता में तेजस्वी यादव और महागठबंधन के सभी दलों के नेता भी मौजूद रहेंगे। बिना सीटों का बंटवारा हुए ही राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कई जगहों पर राजद प्रत्याशियों को सिंबल और टिकट बांट दिया है। जेडीयू से राजद में आईं रुपौली विधायक बीमा भारती को पूर्णिया से टिकट तो दे दिया लेकिन पप्पू यादव टिकट मिलने का इंतजार कर रहे थे।


पूर्णिया से चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया और बेटे के साथ पप्पू यादव कांग्रेस में शामिल हो गये। लेकिन कांग्रेस में शामिल होते ही लालू प्रसाद ने पूर्णिया सीट बीमा भारती को दे दिया। अब इस सीट को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पप्पू यादव ने एक बार फिर कह दिया है कि आत्महत्या करना मंजूर है लेकिन पूर्णिया छोड़ना मंजूर नहीं। 



वही पूर्णिया सीट को लेकर पप्पू यादव भी अडिग हैं। हर हाल में पूर्णिया सीट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। पप्पू यादव ने कह दिया है कि आत्महत्या करना मंजूर है लेकिन पूर्णिया छोड़ना मंजूर नहीं है। पप्पू यादव ने आगे कहा कि पूरा देश जानना चाहता है कि पूर्णिया सीट पर क्या फैसला लिया गया? पूर्णिया से महागठबंधन का कौन प्रत्याशी होगा? मैंने तो अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया। भाजपा को रोकने के लिए हमने इतना बड़ा समर्पण किया। 


उन्होंने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को मैं पिता के रूप में देखता हूं क्या मैं लालू यादव का पुत्र नहीं हूं? क्या मैं पूर्णिया का बेटा नहीं हूं? क्या आप मुझे हमारी मां से अलग कर देंगे? कोसी-सीमांचल में मैं भी तो पैदा हुआ हूं। सीमांचल कांग्रेस की जमीन रही है। हमेशा सीमांचल और कोसी ने कांग्रेस को ताकत दिया। पप्पू यादव का यह इमोशन और फिलिंग है। मुझे जीना, खेलना, संघर्ष करना और लड़ना इसी भूमि ने सिखाया है। 


मधेपुरा मेरा घर है मुझे कोई दिक्कत नहीं थी लेकिन जब लालू यादव से मिलकर कह दिया था कि पूर्णिया से लड़ूंगा. मधेपुरा से नहीं लड़ूंगा। पूर्णिया से अलग होने का मतलब है आत्महत्या कर लेना जहर खा लेना। पूर्णिया से अलग होने की हम सोच भी नहीं सकते। खत्म हो जाना मंजूर है लेकिन पूर्णिया को खो नहीं सकता। आत्महत्या करना मंजूर है लेकिन पूर्णिया छोड़ना मंजूर नहीं है। कांग्रेस और पूर्णिया को नंबर वन मुझे करना है। मैं अपना जीवन कांग्रेस को समर्पित कर चुका हूं अब जो करना है कांग्रेस को करना है। इस मामले में कांग्रेस फैसला लेगी।   


महागठबंधन में पूर्णिया सीट को लेकर मचे घमासान पर बिहार के जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि पूर्णिया की जनता फैसला करेगी। जेडीयू छोड़ने के बाद बीमा भारती ने कहा था कि जेडीयू में अतिपिछड़ों का सम्मान नहीं है। आखिर उनको विधायक बनाकर मंत्री किस पार्टी ने बनाया जरा उनसे पूछिए। मंत्री से भी ऊंचा कोई पद होता है क्या? उससे बड़ा सम्मान कुछ होता है क्या? जेडीयू ने उन्हें विधायक और मंत्री बनाकर अतिपिछड़ों को सम्मान देने का काम किया है।   


वही पूर्णिया सीट का सिंबल राजद से हासिल करने वाली रूपौली विधायक बीमा भारती ने कहा कि 2000 में हम निर्दलीय जीतकर विधानसभा गये थे। इसके बाद लालू जी के दल से चुनाव लड़े थे लेकिन बाद में जेडीयू में चले गये थे। किसी के रहमो करम पर हम विधानसभा चुनाव नहीं जीते थे। अब जेडीयू कह रही है कि हम बीमा भारती को जीताकर भेजे हैं उनका क्या अधिकार है? यहां की जनता ने 5 बार मुझे विधानसभा भेजने का काम किया है। विजय चौधरी को इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए। यह बात शोभा नहीं देता। बीमा भारती ने कहा कि महागठबंधन की बैठक बहुत जल्द करेंगे और 3 अप्रैल को नॉमिनेशन भी करेंगे। सभी कार्यकर्ता खुशी से झूम रहे हैं सब लोग चुनाव में मेरा साथ देने के लिए तैयार हैं।