1st Bihar Published by: Updated Sat, 16 Nov 2019 07:26:41 PM IST
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DELHI: जदयू के उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर सियासी दलों की रणनीति तैयार करने के लिए कितना पैसा लेते हैं. आखिरकार उन्हें ठेका देने वाली पार्टियां कितना पैसा खर्च करती हैं. इस सवाल का जवाब मिल गया है. आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर से रणनीति तैयार कराने वाली पार्टी वाईएसआर कांग्रेस(YSRCP) ने इसकी जानकारी सार्वजनिक कर दिया है.
PK का एक दिन का रेट दो करोड़ रूपया
इसी साल हुए आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी ने प्रशांत किशोर की संस्था इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी को अपने लिए रणनीति तैयार करने का ठेका दिया था. इस एवज में प्रशांत किशोर की संस्था को मोटी रकम चुकायी गयी. चुनाव आयोग को दिये गये खर्च के ब्योरे में YSRCP ने ये जानकारी दी है. हम आपको बता दें कि ये वो पैसा है जिसे कागजी तौर पर प्रशांत किशोर की संस्था I-PAC को दिया गया. चुनाव के दौरान बिना खाता बही के खर्चे की चर्चायें भी होती रहती हैं.
चुनाव आयोग को दिया ब्योरा
YSR कांग्रेस ने चुनाव आयोग को दिये गये खर्च के ब्योरे में कहा है कि उनकी पार्टी ने प्रशांत किशोर की संस्था I-PAC को मैनेजमेंट सर्विस के लिए 37 करोड़ 57 लाख 68 हजार और 966 रूपये दिये. ये खर्च मात्र 20 दिनों का है. YSR कांग्रेस पार्टी ने पैसे 12 मार्च 2019 से 2 अप्रैल 2019 के बीच किये गये खर्च के लिए चुकाये.
इन दिनों फिर चर्चे में हैं प्रशांत किशोर
दरअसल प्रशांत किशोर इन दिनों फिर से चर्चे में हैं. कहा ये जा रहा है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे उनकी सलाह पर ही भाजपा से निपट रहे हैं. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमुल कांग्रेस ने भी प्रशांत किशोर की सेवायें ली हैं. प्रशांत किशोर उन्हें भाजपा के खतरे से निपटने के गुर सिखा रहे हैं. इससे पहले प्रशांत किशोर ने आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी के लिए ऱणनीति तैयार की थी. इस साल हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने आंध्र प्रदेश में जबरदस्त सफलता हासिल की थी. जगन की पार्टी ने लोकसभा की 25 में से 22 सीटें जीत ली थीं, वहीं 175 विधानसभा सीटों में से वाई एस आर कांग्रेस पार्टी के 150 विधायक चुन कर आये थे.
प्रशांत किशोर तब चर्चा में आये थे जब 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने उन्हें हायर किया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने नरेंद्र मोदी के लिए काम किया था. बाद में वे भाजपा विरोधी मुहिम में जुटे और 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद-जदयू और कांग्रेस के महागठबंधन के लिए काम किया.