PM मोदी ने नौवीं बार फहराया तिरंगा, कहा.. ये वीर सावरकर, नेताजी को याद करने का समय है

PM मोदी ने नौवीं बार फहराया तिरंगा, कहा.. ये वीर सावरकर, नेताजी को याद करने का समय है

DESK : आज देश आजादी के जश्न में डूबा है. इस बार का स्वतंत्रता दिवस काफी खास है क्योंकि हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 वीं बार लाल किले सेराष्ट्रीय ध्वज फहराया. इस दौरान 21 तोपों की सलामी भी दी गई. पीएम मोदी लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद राष्ट्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने देश को संबोधित करते हुए देशवासियों को बधाई दी. पीएम ने कहा कि आज विश्व के कोने-कोने में भारत का तिरंगा आन, बान, शान से लहरा रहा है.


पीएम मोदी ने कहा कि आज दिवस ऐतिहासिक है. आज नई राह, नए संकल्प, नए सामर्थ के साथ कदम बढ़ाने का शुभअवसर है. आजादी के जंग में गुलामी का पूरा काल खंड संघर्ष में बीता है. हिंदुस्तान का कोई कोना ऐसा नहीं था, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो. जीवन न खंपाया हो. आहुती न दी हो. आज हम सब देशवासियों के लिए हर महापुरुष को, त्यागी को बलिदानी को नमन करने का अवसर है. उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प लेने का अवसर है. 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से नया नारा दिया है. उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था. इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान जोड़ा और अब इसमें जय अनुसंधान जोड़ने का समय आ गया है. अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान हो. आज देश में इस नारे पर काम करने का समय आ गया है.


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नारायण गुरु, महर्षि अरविंदो हों, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर हो वो भारत की चेतना को जगाते रहे. अमृत महोत्सव के दौरान देश ने पूरे एक साल से हम देख रहे हैं. 2021 में दांडी यात्रा से प्रारंभ हुआ, देश के हर जिले, हर कोने में देशवासियों ने आजादी के अमृत महोत्सव के लिए कार्यक्रम किए. एक ही मकसद के लिए इतना बड़ा उत्सव मनाया गया हो, ये पहली घटना है. उन सभी महापुरुषों को याद किया गया जिनको किसी न किसी कारणवश उनको इतिहास में जगह नहीं मिली या भुला दिया गया था.


नरेंद्र मोदी ने कहा कि 14 अगस्त को भारत ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस भी बड़े भारी मन से उस विभाजन को याद करते हुए तिरंगे की शान के लिए लोगों ने बहुत कुछ सहन किया था. देश के लिए उनका कर्तव्य नमन करने योग्य और प्रेरणा पाने योग्य है. पिछले 75 साल में देश के लिए जीने मरने वाले, देश की सुरक्षा करने वाले, देश के संकल्पों को पूरा करने वाले इन सबके योगदान को स्मरण करने का अवसर है.