PATNA : देश में 5 अप्रैल को प्रकाश संकल्प दिखाने के प्रधानमंत्री के आह्वान पर इमारत-ए-शरिया ने आपत्ति जताई है. इमारत-ए-शरिया के मौलाना वली रहमानी ने प्रकाश संकल्प का विरोध किया है. काेराेना वायरस काे खत्म करने के संकल्प के साथ पूरा देश मजबूती के साथ खड़ा है. 5 अप्रैल को रात 9 बजे मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर कोरोना वायरस खत्म करने का संकल्प लेने की बात कही गई. लेकिन अब इमारत-ए-शरिया इसका विरोध किया.
अमीर-ए-शरीअत इस्लामी विचारक मौलाना मुहम्मद वली रहमानी सज्जादानशीन ख़ानक़ाह रहमानी मुंगेर ने कहा कि देश के विभिन्न भागों से लोग पूछ रहे हैं कि 5 अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट पूरे देश में अंधेरा करने की अपील पर अमल करना सही है या नहीं ? मेरे अनुसार अच्छी खासी रोशनी को बुझाना और दिये या लालटेन या मोबाइल की रोशनी फैलाना कुछ विचित्र कार्य होगा, यह मज़बूत स्थिति से कमज़ोर स्थिति की ओर ले जाना है, और प्रधानमंत्री इसमें निपुण हैं, उन्होंने कई कार्यों के द्वारा देश की जनता को अच्छी से बुरी स्थिति की ओर यात्रा करवायी है.
मौलाना मुहम्मद वली रहमानी ने कहा कि यह देश के स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं है, बिजली विभाग का भी कहना है कि यदि रोशनी बन्दी पर अमल किया गया तो पॉवरग्रेड पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है. जिसको ठीक करने के लिए एक सप्ताह का समय लग सकता है. इसके कारण कोरोना के मरीज़ों के इलाज में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. हज़रत रहमानी ने फ़रमाया कि कोरोना विषाणु अंधेरा फैलाने से भाग सकता है ऐसी सोच प्रधानमंत्री को मुबारक हो, मेरे जैसा इंसान रोशनी फैलाने में विश्वास रखते हैं.