राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री बोले - आइये अब न्यू इंडिया का निर्माण करें, पढ़िये़ प्रधानमंत्री का पूरा भाषण

राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री बोले - आइये अब न्यू इंडिया का निर्माण करें, पढ़िये़ प्रधानमंत्री का पूरा भाषण

DELHI : अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश के तमाम लोगों के लिए आपसी कटुता को खत्म करने का दिन है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या का फैसला देश के लिए नया सवेरा लेकर आया है. अब जरूरत ये है कि पूरा देश नये तरीके से न्यू इंडिया बनाने में जुट जाये.

पढ़िये क्या बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-
“ आज सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे महत्वपूर्ण मामले पर फैसला सुनाया है जिके पीछे सैकड़ों वर्षों का एक दीर्घकालीन इतिहास है. पूरे देश की ये इच्छा थी कि इस मामले की अदालत में हर रोज सुनवाई हो. आज निर्णय आ गया. दशकों तक चली न्याय प्रक्रिया का आज समापन हुआ. पूरी दुनिया ये मानती है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. आज दुनिया ने ये भी जान लिया है कि भारत का लोकतंत्र कितना जीवंत है और कितना मजबूत है. फैसला आने के बाद जिस प्रकार हर वर्ग ने, हर संप्रदाय ने और पूरे देश ने खुले दिल से स्वागत किया है वो भारत की जीवंत परंपरा को बताता है. भारत विविधता में एकता के लिए जाना जाता है. आज ये मंत्र अपनी पूर्णता के साथ खिला हुआ नजर आता है. हजारों साल बाद भी किसी को भारत की विविधता में एकता को समझना होगा तो वो आज की घटना का जरूर जिक्र करेगा.”

PM बोले
भारत के न्यायपालिका के इतिहास में भी आज का दिन स्वर्णिम अध्याय की तरह है. सुप्रीम कोर्ट ने सबको धैर्य से सुना. ये देश के लिए गर्व की बात है कि फैसला सर्वसम्मति से आया. देश के न्यायाधीश, न्यायालय और हमारी न्यायिक प्रणाली आज विशेष रूप से अभिनंदन के अधिकारी हैं. आज 9 नवंबर है. 9 नवंबर ही वो तारीख थी जब बर्लिन की दीवार गिरी थी. दो विपरीत धाराओं ने एकजुट होकर नया संकल्प लिया था. आज ही करतारपुर कॉरीडोर की शुरूआत हुई है. इसमें भारत का भी सहयोग रहा है पाकिस्तान का भी. “



आज अयोध्या पर फैसले के साथ आज की ये तारीख हमें साथ रहकर आगे बढने की सीख दे रही है. आज के दिन का संदेश जोड़ने का है, जुड़ने का है और मिल कर जीने का है. इन सारी बातों को लेकर जिनके मन में भी थोड़ी सी कटुता रही हो आज उसे तिलांजलि देने का भी दिन है. नये भारत में भय, कटुता का कोई स्थान नहीं होना चाहिये. सुप्रीम कोर्ट ने आज ये संदेश भी दिया है कि कठिन से कठिन मसले का हल संविधान और कानून के दायरे में ही हो सकता है. हमें सीख लेना चाहिये कि भले ही कुछ देर लगे लेकिन धैर्य बनाकर रखने से ही न्याय मिलता. भारत का संविधान और न्याय प्रणाली पर हमारा सम्मान बना रहे. सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला देश के लिए नया सवेरा लेकर आया है. इस विवाद का कई पीढ़ियों पर असर पड़ा. लेकिन अब हमें संकल्प लेना होगा कि नयी पीढ़ी नये तरीके से न्यू इंडिया के निर्माण में जुटेगी. आइये एक नये तरीके से शुरूआत करते हैं.