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1st Bihar Published by: PRIYARANJAN SINGH Updated Sat, 25 Apr 2020 03:38:00 PM IST
SUPAUL: सुपौल एसएफसी के सीएमआर गोदाम में मिलरों से चावल की गुणवत्ता के नाम पर घूसखोरी के बड़े गोरखधंधे का खुलासा हुआ है। जिसमें वहां के अधिकारी और कर्मी द्वारा प्रति ट्रक ₹15000 लेने का एक ऑडियो भी वायरल हुआ है। हालांकि घूसखोरी की रेट को लेकर जब विवाद हुआ तो इस ऑडियो को वायरल कर दिया गया । जो हाथ लगा है। इसके बाद डीएम महेंद्र कुमार ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
दरअसल कोरोना बंदी के कारण गरीबों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने के कारण चावल खरीद का आवंटन दो गुना बढ़ा दिया गया है।जिसके बाद मिलरों के द्वारा लगातार चावल सीएमआर गोदाम तक पहुंचाया जा रहा है।जहां चावल की गुणवत्ता के नाम पर प्रति ट्रक 15000 निर्धारित है।गुणवत्ता के नाम पर ली गयी यह राशि बराबर हिस्से में कई जगह तक पहुंचायी जाती है।इसी क्रम में सुपौल के एक मिलर मोहम्मद कमाल से भी 20000 रुपये एडवांस के तौर पर वहां के कर्मी अनिल कुमार ने लिया।जिसे उसने अपने उच्चस्थ अधिकारी एजीएम तक पहुंचा दिया ।जिसके बाद मिलर मोहम्मद कमाल दो ट्रक चावल सीएमआर गोदाम पर लाया लेकिन 30 हजार और 20 हजार रुपये के कारण मिलर और कर्मी के बीच विवाद हो गया। विवाद के कारण मो. कमाल के दो ट्रकों को अनलोड करने के बाद चावल मे अधिक नमी होने का हवाला देकर लौटा दिया।इसी क्रम में मिलर और एजीएम के बीच मारपीट भी हुई ।
एजीएम कुमार सौरभ ने सदर थाना में सरकारी कार्य में बाधा पहुचने और जबरन खराब चावल लेने के लिए मिलर द्वारा दवाब बनाने का आरोप लगा कर आवेदन दिया।जिसके बाद मिलर मो कमाल ने भी एजीएम पर भी 30 हजार रुपये घूस लेने का आरोप लगाया और घूस की राशि पूरी रकम अदा नही करने पर अनलोड चावल को नमी के नाम पर वापस करने और मारपीट का आरोप लगाया। लेकिन मामला अब तक दर्ज नही हुआ।इधर घूसखोरी का ये ऑडियो वायरल हो गया।इस बाबत डीएम महेंद्र कुमार ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में भी आया है जिसकी जांच कराई जा रही है। लेकिन इस विवाद ने घूसखोरी के इस गहरे जड़ का खुलासा कर दिया है।